IIT धनबाद के सीनियर्स ने जूनियर्स को दिए टिप्‍स: दोस्तों का अच्छा नेटवर्क बनाएं, प्रोफेशनल वर्ल्ड में सहकर्मी ही मिलेंगे

IIT धनबाद के सीनियर्स ने जूनियर्स को दिए टिप्‍स: दोस्तों का अच्छा नेटवर्क बनाएं, प्रोफेशनल वर्ल्ड में सहकर्मी ही मिलेंगे

दोस्तों का अच्छा नेटवर्क बनाएं। एक बार जब आप पेशेवर दुनिया (प्रोफेशनल वर्ल्ड) में प्रवेश करेंगे तो आपके पास केवल सहकर्मी होंगे, दोस्त नहीं। अंत में कोई पछतावा नहीं होनी चाहिए। यह बात आईआईटी आईएसएम धनबाद के वर्ष 2021 बैच कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग पासआउट छात्रा शिरीषा विस्लावथ ने अपने जूनियर को दिए संदेश में कही है। आईआईटी आईएसएम के वर्ष 2021 बैच के छात्र अभी-अभी पासआउट हुए हैं। सोशल मीडिया पर फेयर द वेल सीरीज के माध्यम से वे अपने अनुभव जूनियर के सामने रख रहे हैं।

कॉलेज का पहला दिन, एक्स्ट्राक्यूरिकुलर, बीटेक की चार साल की शैक्षणिक यात्रा, ऑनलाइन एजुकेशन, प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए सलाह समेत अन्य बिंदुओं पर टिप्स दे रहे हैं। शिरीषा ने कहा कि एक महत्वपूर्ण चीज जो मैंने सीखी है, वह यह है कि चीजों को कैसे प्राथमिकता दी जाए। अपनी गलतियों से सीखें लेकिन उन पर ध्यान न दें। वहीं कई लोगों ने ऑनलाइन से बेहतर ऑफलाइन पढ़ाई को बताते हुए कॉलेज के जल्द खुलने की भी कामना की।

ये सिर्फ चार साल नहीं होते

अप्लाइड जियोलॉजी के छात्र अमृत व्यास कहते हैं कि निडर हों। हर चीज को आजमाना चाहिए क्योंकि ये चार साल सिर्फ साल नहीं होते हैं। यह अपने आप में एक जीवन भर है। जितना हो सके जियो और एक्सप्लोर करें। शिक्षाविदों पर थोड़ा ध्यान दें। यह आमतौर पर उतना आसान नहीं होता जितना दिखता है। हर किसी के लिए अच्छा बनो, चाहे लोग आपके लिए कितने भी कठोर क्यों न हों। उन्होंने कहा कि रात भर की पढ़ाई, रोड ट्रिप, प्लेसमेंट सेलिब्रेशन की यादें समेत अन्य चीजें जीवन भर याद रहेंगी।

सीनियर से जरूर पूछें- चार साल में क्या पछतावा है

केमिकल इंजीनियरिंग के रितिक राज का कहना है कि हेरिटेज बिल्डिंग और डायमंड हॉस्टल मेरे लिए काफी आकर्षक थे। मेरे सीनियर से भी मेरे संबंध हमेशा अच्छे रहे। उन्होंने हमेशा मुझे बताया कि क्या नहीं करना है। मैं अपने जूनियर को यह सुझाव दूंगा कि वे अपने सीनियर से पूछें कि चार साल के बाद उन्हें क्या पछतावा है। क्या करें और क्या न करें। मैं कभी भी अपनी क्लास का टॉपर नहीं था। पढ़ाई में मदद करने से लेकर कांसेप्ट सिखाने तक बैचमेट लिए काफी मददगार थे। कड़ी मेहनत करें। अपनी कमियों को दूर करें।

सीनियर से बिना डरे करें बातचीत

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की अपूर्व शेन्डे का कहना है कि अपने सीनियर के साथ बिना डरे बातचीत करें। क्लब इंडक्शन में जाएं। विभिन्न क्लब व खेल समेत अन्य आयोजनों में भाग लें और सबसे महत्वपूर्ण है सक्रिय होना। सिर्फ अपने कमरे में बैठ कर कोई सीरीज नहीं देखें और सोए नहीं। आयोजन में भाग लें और कुछ अलग करने के लिए पढ़ाई करें। सुबह की क्लास के दौरान आरडी (रामधनी) में छोले-पूरी खाना व न्यू रोजालीन हॉस्टल की 10वीं मंजिल से सुंदर दृश्य देखना मेरी यादें हैं।