धनबाद: प्रेम विवाह से नाराज पिता ने बेटी को दी सजा ए मौत, गला रेतकर मार डाला
प्रेम विवाह से नाराज पिता ने अपनी बेटी की गला रेतकर हत्या कर दी। यह घटना बुधवार की शाम धनबाद जिला स्थित गोविंदपुर थाना अंतर्गत बड़ा नवाटांड़ गांव के समीप की है। हत्यारोपी की पहचान झरिया-4 नंबर (बकरहट्टा, बफरकल) निवासी सब्जी विक्रेता राम प्रसाद साव के रूप में हुई। घटना को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया।
20 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी की हत्या कर भाग रहे राम प्रसाद को पत्नी सुनीता देवी ने पकड़ने का भी प्रयास किया। बेटी की हत्या के लिए ही वह पत्नी के साथ झरिया से गोविंदपुर आया था। जमीन दिखाने की बात कहकर पत्नी एवं पुत्री को साथ लेकर वह ऑटो से आया था। उसने गोविंदपुर कुरैशी नगर से बड़ा नवाटांड़ के बीच 2 साल पूर्व एक जमीन खरीदी थी। उसी को दिखाने के बहाने उसने पत्नी और बेटी को साथ लाया था। निर्जन स्थान पर उसने पीछे से बेटी के गर्दन पर चाकू चला दी। जिससे खुशी ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। बेटी को चाकू मारकर वह आमाघाटा की ओर भागा। पत्नी ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया, लेकिन वह दौड़ते हुए भाग निकला। इसके बाद पत्नी रोती-बिलखती झरिया थाना गई। झरिया पुलिस ने घटनास्थल गोविंदपुर होने के कारण उन्हें गोविंदपुर थाना भेज दिया। सूचना पाकर गोविंदपुर के पुलिस इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह एवं एएसआई डीके पासवान घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। सूचना मिलते ही डीएसपी मुख्यालय वन अमर पांडेय भी पहुंचे और मामले की तहकीकात की।
सुनीता देवी ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी खुशी ने सात माह पूर्व भारत पेट्रोल पंप, सरायढेला के कर्मी करण बाउरी के साथ घर से भागकर पुरूलिया में कोर्ट मैरिज कर ली थी। पुलिस ने दोनों को डिशरगढ़, पश्चिम बंगाल से बरामद किया था। इसके बाद करण बाउरी अपनी पत्नी खुशी के साथ पेट्रोल पंप के बगल में मेगा शॉप में किराए के मकान में रह रहा था। खुशी की छोटी बहन शोभा कुमारी की शादी गत 16 जुलाई को हुई है। घटना के बाद सुनीता देवी अपने भाई चिरकुंडा निवासी अजय कुमार साव के साथ गोविंदपुर थाना पहुंची। इस संबंध में समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी थी।
पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। सुनीता देवी ने बताया कि झरिया से हम दोनों पति-पत्नी ही निकले थे। रास्ते में बेटी खुशी कुमारी को भी साथ कर लिया। अपने घर आने पर पुत्री ने अपने मां-पिता का स्वागत-सत्कार भी किया तथा चाय-पानी का भी इंतजाम करने लगी। परंतु रामप्रसाद ने मना कर दिया और बेटी को साथ लेकर गोविंदपुर के लिए निकल गए। पूरे घटनाक्रम से पत्नी को भी भ्रम में रखा।