झारखंड में सामने आई दूसरी लहर में तीन गुना मौतों की वजह, कोरोना वायरस के आठ म्‍यूटेंट ने बरपाया कहर

झारखंड में सामने आई दूसरी लहर में तीन गुना मौतों की वजह, कोरोना वायरस के आठ म्‍यूटेंट ने बरपाया कहर

झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर में आठ म्यूटेंट ने कहर बरपाया है। इसका खुलासा राज्य के चार जिलों में संक्रमितों के सैंपल के कराए गए जीनोम सिक्वेंसिंग में हुआ है। यही वजह है कि पहली लहर में पिछले एक साल में राज्य भर में 1.24 लाख मरीज मिले, जिसमें महज 1113 मरीज की मौत हुई। वहीं दूसरी लहर में अप्रैल, मई और जून के नौ दिनों में ही राज्य में पहली लहर से लगभग दो गुना 2,18,280 लाख मरीज मिले जिसमें पहली लहर से तीन गुना से भी अधिक 3968 मरीज की मौत हो गयी।

चिंता की बात यह है कि राज्य के चार जिले रांची, पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग व पलामू के सैंपलों की कराई गयी जीनोम सिक्वेंसिंग में सबसे ज्यादा मामले सबसे खतरनाक डेल्टा वैरिएंट (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) के मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि अप्रैल 21 से नौ जून के बीच जमशेदपुर, रांची, धनबाद, हजारीबाग और पालामू जिले से 364 सैंपल आईएलए भुवनेश्वर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। इसमें 328 सैंपल में 8 प्रकार के म्यूटेंट मिले हैं।श्री त्रिपाठी ने कहा कि वैरीअंट ऑफ कंसर्न ज्यादा खतरनाक है।

इस म्युटेन्ट के कारण फेफड़ों में संक्रमण और ऑक्सीजन के लेवल में भी कमी आती है। लोगों की मौत ज्यादा होती है। जमशेदपुर के सैंपल में सबसे ज्यादा संक्रमित मिलेधनबाद से 49, हजारीबाग से 48, पलामू से 30, जमशेदपुर से 163 और रांची से 74 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सैंपल को होल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईएलएस लैब भुवनेश्वर भेजा गया था। इनमें वैरिएंट ऑफ कंसर्न के धनबाद में 49 मामले सामने आए है। हजारीबाग से 48, पालामू से 30, जमशेदपुर से 145 और रांची के 56 लोगों में वैरिएंट ऑफ कंसर्न पाया गया है।

किस वैरिएंट के कितने मामले

जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 364 सैंपल में से 328 में आठ वैरिएंट पाए गए हैं। इसमें डेल्टा वैरिएंट के 204 (जमशेदपुर 86, रांची में 26, धनबाद में 32, हजारीबाग में 39 और पालामू में 21), कप्पा वैरिएंट के 63 (जमशेदपुर में 43, रांची में 8, धनबाद में 4, हजारीबाग में 5 और पलामू में 3) जबकि अल्फा वैरिएंट के 29(रांची में 18, जमशेदपुर में 7, हजारीबाग-पलामू में 2) मामले मिले है। वहीं पांच प्रकार के अन्य वैरिएंट के 32 मामले पाए गए हैं।