एचईसी में आर्थिक संकट से कई प्रोजेक्ट लटके, नई स्कीम शुरू करने की मांगी इजाजत
एचईसी को तत्काल यदि केंद्र से आर्थिक मदद नहीं मिली तो देश के कई बड़े प्रोजेक्ट पर इसका असर पड़ सकता है। इसरो, रक्षा और न्यूक्लियर सेक्टर के कई महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण एचईसी में हो रहा है। लेकिन पूंजी की कमी के कारण इसके काम लटक गए हैं और समय पर इनकी आपूर्ति नहीं हो पाएगी। एफएफपी के बाद एचएमबीपी के भी कुछ शॉप में उत्पादन बंद हो गया है। एफएफपी और एचएमबीपी के आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण शॉप के बंद होने पर भी खतरा मंडराने लगा है। कच्चे माल नहीं रहने के कारण कई मशीनों को मजबूरी में बंद भी करना पड़ा है।
एचईसी प्रबंधन ने फिर एक बार केंद्र सरकार से तत्काल कार्यशील पूंजी की कमी दूर करने के लिए राशि देने और अपने संसधान से पैसे जुटाने के लिए कुछ नई स्कीम शुरू करने की अनुमति मांगी है। इस स्कीम को शुरू कर एचईसी राजस्व प्राप्त कर सकता है और उसे आर्थिक संकट से कुछ हद तक निजात मिल सकती है। इसके तहत खाली जमीन को लीज पर देने की अनुमति मांगी है। साथ ही मशीनों को अपग्रेड करने के लिए भी राशि की मांग की है।
एचईसी प्रबंधन ने पहले भी खाली जमीन को लीज पर देने की अनुमति मांगी थी। निदेशक मंडल से इसकी अनुमति भी मिल गई थी, लेकिन मंत्रालय ने अभी इस पर अपनी सहमति नहीं दी है और मामला मंत्रालय में ही लंबित है। उधर, एचईसी की यूनियनों ने भी केंद्र सरकार से एलटीएल स्कीम शुरू करने की मांग की है। एचईसी के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों को आवासों को दीर्घकालीन लीज पर देने का आग्रह किया है। इससे प्रबंधन को आय होगी और कर्मचारियों का बकाया का समायोजन भी किया जा सकेगा। पूर्व के लीज एरिया के जिन जर्जर आवासों को लीज पर नहीं दिया गया था, उनकी कीमत कुछ कम कर फिर से लीज पर देने का आग्रह किया गया है, ताकि इन क्वार्टरों का उपयोग हो सके और प्रबंधन को राशि भी प्राप्त हो जाए। दीर्घकालीन लीज पर क्वार्टर देने के लिए पहले भी एचईसी प्रबंधन ने निदेशक मंडल के पास प्रस्ताव भेजा था, लेकिन दोनों ही बार इस प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की जा सकी। इस कारण इस स्कीम को अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है।
एचईसी के अफसरों व छह कर्मचारियों का वेतन पांच माह से अब बकाया हो गया है। आर्थिक स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो कंपनी में काम बंद हो जाएगा। एचईसकर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के किसी प्रकार के बकाये का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
कार्यादेश भरपूर, लेकिन उत्पादन प्रभावित
एचईसी के सेवानिवृत्त वरीय अधिकारियों का मानना है कि कंपनी जबतक आर्थिक संकट से नहीं उबरेगी, तबतक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अगर यही स्थिति रही तो कंपनी अगले वित्तीय वर्ष में खुद बंदी के कगार पर पहुंच जाएगी। कंपनी के पास पर्याप्त मात्रा में वर्क ऑर्डर है, मगर कार्यशील पूंजी नहीं होने की वजह से उपकरणों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। रक्षा, नौ सेना, इसरो, रेलवे और कोल सेक्टर की कई महत्वपूर्ण मशीनों का निर्माण कार्य प्रभावित हो गया है। वर्तमान में एचईसी कंपनी के पास 1000 करोड़ से ज्यादा का वर्क ऑर्डर हाथ में है।