Twitter ने उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू के पर्सनल हैंडल पर ब्लू टिक रिस्टोर किया, प्रवक्‍ता ने दी सफाई

ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, ''जुलाई 2020 से अकाउंट इनएक्टिवेट है. हमारी सत्यापन नीति के अनुसार अगर अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है, तो ट्विटर ब्लू टिक और वेरिफाइड स्टेटस हटा सकता है

Twitter ने उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू के पर्सनल हैंडल पर ब्लू टिक रिस्टोर किया, प्रवक्‍ता ने दी सफाई

Vice President, India, Twitter, M Venkaiah Naidu, Social Media, News: सोशल मीडिया प्‍लेफार्म ट्विटर (Twitter) ने भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) एम.वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल (M Venkaiah Naidu’s personal Twitter handle) पर ब्लू टिक रिस्टोर कर दिया है. उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने पर ट्विटर के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा, ”जुलाई 2020 से अकाउंट इनएक्टिवेट है. हमारी सत्यापन नीति के अनुसार अगर अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है, तो ट्विटर ब्लू टिक और वेरिफाइड स्टेटस हटा सकता है.” बता दें कि यह वाकया तब हुआ है, जब केंद्र सरकार और टि्वटर के बीच सोशल मीडिया की नई पॉलिसी को लेकर विवाद चल रहा है. Also Read - COVID-19 Updates: देश में 2 महीने में कोरोना के सबसे कम नए मामले आए, 24 घंटे में 3,380 मौतें

बता दें कि ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट से सत्यापन वाला ब्लू टिक हटा दिया. उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर पर नायडू का निजी अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय था और ट्विटर अलगोरिद्म ने ब्लू टिक हटा दिया. उन्होंने बताया कि ट्विटर सत्यापन पहचान को बहाल करने की प्रक्रिया में है. उपराष्ट्रपति के इस निजी अकाउंट से पिछले साल 23 जुलाई को आखिरी बार पोस्ट की गई थी. उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों को सुबह से ही ट्विटर की प्रतिक्र‍िया का इंतजार था.

बता दें कि भारत सरकार के नए आईटी नियम 25 फरवरी को प्रभाव में आए और केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था. लेकिन टि्वटर ने कोर्ट का रुख किया था, हालांकि उसे हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ सतर्कता नहीं मिली.

हाईकोर्ट में याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई, लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं.

ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं. इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है. वहीं, इस मामले में बीते सोमवार का दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि डिजिटल मीडिया संबंधी नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो ट्विटर को इनका पालन करना होगा. इस टिप्पणी के साथ ही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अधिवक्ता अमित आचार्य की याचिका पर केंद्र और सोशल मीडिया मंच ट्विटर को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. आचार्य ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है.