कोवैक्सिन 78% असरदार:भारत बायोटेक ने फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल का फाइनल डेटा जारी किया, डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन 65% इफेक्टिव
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल का फाइनल डेटा जारी किया है। यह कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8% असरदार साबित हुई है। डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवैक्सिन की इफिकेसी (असर) 65% बताया जा रहा है।
भारत बायोटेक के मुताबिक कोरोना के गंभीर लक्षणों वाले केस में वैक्सीन 93.4% असर करती है। इसके अलावा हल्के लक्षण के केस में कोवैक्सिन 63.6% असरदार है। इस समय दुनियाभर में चिंता का कारण बने हुए B.1.617.2 (डेल्टा) वैरिएंट पर इसकी एफिकेसी (असर) 65% साबित हुई है। कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल के नतीजे मेडरेक्सिव प्री प्रिंट सर्वर में प्रकाशित कए गए हैं।
25 अस्पतालों में 25 हजार से ज्यादा लोगों पर ट्रायल
आंकड़ों के मुताबिक ट्रायल 25 अस्पतालों में 25,800 लोगों पर किया गया था। इसमें ये देखा गया कि कोरोना के खिलाफ यह वैक्सीन कितना बचाव करती है। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर डेवलप किया है। सूत्रों के मुताबिक, कोवैक्सिन को आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिल सकती है।
SEC ने दी थी डेटा को मंजूरी
कंपनी ने कुछ दिनों पहले ही ट्रायल का डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपा था। इसके बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की अहम मीटिंग हुई थी और वैक्सीन के फेज 3 के ट्रायल के डेटा को मंजूरी दे दी गई थी।
WHO ने EOI मंजूर किया था
इससे पहले भारत बायोटेक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) को WHO ने स्वीकार कर लिया था। कोवैक्सिन को अप्रूवल दिलाने के लिए कंपनी ने 19 अप्रैल को EOI सब्मिट किया था। मामले में अब प्री-सब्मिशन मीटिंग 23 जून को होगी।
WHO के इमरजेंसी यूज अप्रूवल की क्या अहमियत है?
- WHO की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में महामारी जैसी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में हेल्थ प्रोडक्ट की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस को जांचा जाता है। WHO ने फाइजर की वैक्सीन को 31 दिसंबर 2020 को, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को 15 फरवरी 2021 को और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को 12 मार्च को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया था।
- WHO के मुताबिक इमरजेंसी स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द दवा, वैक्सीन और डायग्नोस्टिक टूल्स विकसित करना और अप्रूव करना जरूरी है। वह भी सेफ्टी, एफिकेसी और क्वालिटी के मानकों पर खरा रहते हुए। यह असेसमेंट महामारी के दौरान व्यापक स्तर पर लोगों के लिए इन प्रोडक्ट्स की उपयोगिता सुनिश्चित करता है।