कोरोना की जांच के लिए 14 जनवरी को चीन जाएगी डब्ल्यूएचओ की टीम, सामने आएगी सच्चाई !

चीन कोरोना वायरस (COVID-19) की उत्पत्ति की जांच के लिए तैयार हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ टीम 14 जनवरी(गुरुवार) से चीन के दौरे पर रहेगी। इस दौरान वह कोरोना वायरस को लेकर जरूरी आंकड़े इकट्ठा करेगी।

कोरोना की जांच के लिए 14 जनवरी को चीन जाएगी डब्ल्यूएचओ की टीम, सामने आएगी सच्चाई !

कोरोना की उत्पत्ति कहां से हुई, यह वायरस आखिर कहां से आया ? इस बात की जांच करने के लिए डब्ल्यूएचओ की एक एक्सपर्ट टीम एक बार फिर चीन के दौरे पर जाएगी। चीन ने सोमवार को यह जानकारी दी। चीन ने बताया है कि कोरोना की जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ टीम 14 जनवरी(गुरुवार) से चीन के दौरे पर रहेगी। यानि अब चीन कोरोना वायरस (COVID-19) की उत्पत्ति की जांच के लिए तैयार हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ टीम चीन में कोरोना से जुड़े जरूरी आंकड़े और सबूत इकट्ठा करेगी।

चीन के स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जानकारी दी गई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों का एक समूह 14 जनवरी(गुरुवार) को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए यहां पहुंचने वाला है।

क्या वुहान जा पाएगी डब्ल्यूएचओ की टीम ?

चीन ने ये अब तक साफ नहीं किया है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम को केंद्रीय चीनी शहर वुहान की यात्रा करने देगा या नहीं, जहां दुनिया का पहला कोरोना वायरस का मामला 2019 के अंत में पाया गया था। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग के उप प्रमुख जेंग यिक्सिन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया  कि डब्ल्यूएचओ की टीम के वुहान आने का समय तय नहीं किया गया है और इस पर अभी चर्चा जारी है। 

डब्ल्यूएचओ जता चुका है नाराजगी

डब्ल्यूएचओ की एक्सपर्ट टीम की चीन यात्रा के लिए बातचीत लंबे समय से चल रही है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रयेसिस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने पिछले सप्ताह देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक टीम के सदस्य अपने देशों से प्रस्थान कर रहे हैं और डब्ल्यूएचओ और चीनी सरकार के बीच एक व्यवस्था के हिस्से के रूप में अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन की ओर से कहा गया कि इसे लेकर उन्हें कुछ गलतफहमी हो सकती है। हम डॉ. टेड्रोस और डब्ल्यूएचओ को समझ सकते हैं।