किस्मत: कोरोना से हारी जिंदगी की जंग, लेकिन प्रधानी का चुनाव जीते, जानें अब क्या होगा
प्रदेश में प्रधानी का चुनाव लड़ने वाले कई ऐसे प्रत्याशी रहे जो चुनाव का मैदान तो जीत गए लेकिन रविवार को परिणाम घोषित होने से पहले या ठीक बाद में कोरोना व अन्य बीमारियों के कारण जिंदगी की जंग हार गए।
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प्रदेश में प्रधानी का चुनाव लड़ने वाले कई ऐसे प्रत्याशी रहे जो चुनाव का मैदान तो जीत गए लेकिन रविवार को परिणाम घोषित होने से पहले या ठीक बाद में कोरोना व अन्य बीमारियों के कारण जिंदगी की जंग हार गए। इनमें दस विजेता प्रत्याशियों का निधन चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही हो गया जबकि एक की सांसें परिणाम के बाद थमीं। ऐसी सीटों पर दोबारा चुनाव कराया जाएगा।
जौनपुर जनपद में रामनगर ब्लॉक के जयरामपुर गांव निवासी रामचंद्र मौर्य ने प्रधान बनने के लिए दिन-रात एक किए। लेकिन, 18 अप्रैल को ही तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई थी। रविवार को जब परिणाम घोषित हुआ तो मौर्य को 164 मतों से जीत मिली।
मैनपुरी जनपद में कुरावली की ग्राम पंचायत नगला ऊसर से प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाली पिंकी देवी पत्नी सुभाष चंद्र की तीन दिन पहले मौत हो गई थी। पिंकी देवी को 115 वोटों से विजेता घोषित किया गया। आगरा जनपद में रसूलपुर गांव के बाबूलाल भी प्रधान पद का चुनाव लड़े थे। मतदान के बाद 25 अप्रैल को बुखार के कारण उनकी मौत हो गई थी। रविवार को हुई मतगणना में बाबूलाल 467 मत पाकर प्रधान निर्वाचित हो गए।
बड़हलगंज (गोरखपुर) की ग्राम पंचायत जैतपुर के प्रधान पद के प्रत्याशी पवन साहनी 22 अप्रैल को कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन प्रधान पद के लिए वह चुनाव जीत गए। देवरिया में भागलपुर विकास क्षेत्र की ग्राम पंचायत कपुरी एकौना की प्रधान पद की प्रत्याशी विमला देवी की शनिवार को तबीयत बिगड़ी और रविवार सुबह उनका निधन हो गया। वहीं, शाम को आए परिणाम में उन्हें विजयी घोषित किया गया।
रहरा (अमरोहा) की खनौरा ग्राम पंचायत में सविता (35) भी ग्राम प्रधानी का चुनाव तो जीत गई, लेकिन वह यह दिन देख नहीं पाई। विजयी घोषित होने से दो दिन पूर्व रहस्यमयी बुखार ने उनकी जान ले ली। हसनगंज (उन्नाव) के भोगला गांव में ग्राम प्रधान प्रत्याशी शिवकली की शनिवार को बीमारी से मौत हो गई थी। रविवार को मतगणना के दौरान मृतका शिवकली को 48 वोटों से विजयी घोषित किया गया।
वाराणसी : तीन प्रत्याशियों की जीत से पहले तो एक की जीत के बाद मौत
वाराणसी जिले में पंचायत चुनाव परिणाम आने के बाद एक प्रधान प्रत्याशी की मौत हो गई। वहीं, परिणाम आने के पहले ही तीन प्रधानों की मौत हो चुकी थी। पिंडरा ब्लॉक के नंदापुर के ग्राम प्रधान की पद की प्रत्याशी सुनरा देवी ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी को महज 3 मतों से हराकर जीत हासिल की। जीत की सूचना मिलते ही आईसीयू में भर्ती सुनरा देवी की मौत हो गई।
वहीं, चिरईगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिरिस्ती के ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित हुई प्रत्याशी निर्मला की मौत 26 अप्रैल को हो गई थी। शिवदशा में ग्राम प्रधान पद निर्वाचित हुए प्रत्याशी धर्मदेव यादव की भी मतगणना से पूर्व मौत हो गई थी। उधर, चोलापुर विकास खंड के चुमकुनी गांव निवासी अनिल कुमार सिंह सिंटू की पत्नी वीणा सिंह छित्तमपुर गांव से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं। बीमारी के चलते 29 अप्रैल को वीणा सिंह की मौत हो गई थी