जज की मौत का मामला: ऑटो ड्राइवर को ब्रेन मैपिंग के लिए ले गई CBI, कोर्ट से 3 सितम्बर तक मिली है मोहलत
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को टक्कर मारनेवाले ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने के लिए सीबीआई उन्हें गुजरात लेकर रवाना हुई। सोमवार की रात सीबीआई की टीम धनबाद जिला पुलिस के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह सहित 10 हथियारबंद जवान की सुरक्षा में दोनों को हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए निकली। दिल्ली से दूसरी ट्रेन से उन्हें गुजरात के गांधीनगर ले जाया जाएगा।
गुजरात के गांधीनगर में स्थित डायरेक्टोरेट ऑफ फोरेंसिक साइंस लैब में दोनों का टेस्ट कराया जाएगा। न्यायालय से सीबीआई ने दोनों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए तीन सितंबर तक की मोहलत ली है। पहले उनके टेस्ट के लिए 19 अगस्त तक का ही आदेश प्राप्त था। बताया जा रहा है कि जांच में 10-15 दिनों का समय लग सकता है। इसलिए सीबीआई ने न्यायालय से अधिक समय मांगा। पिछले तीन दिनों से सीबीआई दोनों को गुजरात ले जाने के प्रयास में थी। गांधीनगर एफएसएल से हरी झंडी मिलने के बाद सोमवार की शाम दोनों को धनबाद जेल से लेकर सीबीआई रवाना हुई।
कल गांधीनगर पहुंचेगी टीम, पहले होगी मेडिकल जांच
लखन वर्मा और राहुल वर्मा को लेकर रवाना हुई टीम 18 अगस्त को गांधीनगर पहुंचेगी। ब्रेन मैपिंग से पूर्व दोनों के कोरोना टेस्ट और अन्य मेडिकल टेस्ट कराए जाएंगे। विशेषज्ञों के साथ सीबीआई की मीटिंग होगी। ब्रेन मैपिंग के दौरान उन्हें घटना से जुड़े वीडियो और फोटो दिखाए जाएंगे। सबसे पहले उन्हें घटना की सीसीटीवी फुटेज दिखाई जाएगी। इसके अलावा सीबीआई ने आधुनिक कैमरे से सीन को रिक्रिएट कर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है। डॉक्यूमेंट्री दिखा कर भी उनसे सवाल पूछे जाएंगे।
हाथरस गैंगरेप में 15 दिनों में हुई थी ब्रेन मैपिंग व नार्को
पिछले साल 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित चंदपा की दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी। युवती ने इलाज के दौरान सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। हो-हल्ला और भारी राजनीतिक दबाव के बाद इस मामले में भी जांच सीबीआई को सौंपी गई है। मामले के चारों आरोपियों की गांधीनगर में ही ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराया गया था। हालांकि उन चारों के टेस्ट में 15 दिनों का समय लगा था।