जब निगम यूजर चार्ज ले ही रहा है तो हमें बसाने की व्यवस्था भी करें: फुटपाथ दुकानदार
सिटी सेंटर से लेकर बरटांड़ तक फुटपाथ दुकानदार अपनी रोजी-रोटी पर प्रहार होता देख गुरुवार को आंदोलन के लिए खड़े हो गए। एकजुट होकर सभी फुटपाथ दुकानदार नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्या के समाधान के लिए नगर आयुक्त कार्यालय में मांग पत्र जमा किया।
सिटी सेंटर से लेकर बरटांड़ तक फुटपाथ दुकानदार अपनी रोजी-रोटी पर प्रहार होता देख गुरुवार को आंदोलन के लिए खड़े हो गए। एकजुट होकर सभी फुटपाथ दुकानदार नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्या के समाधान के लिए नगर आयुक्त कार्यालय में मांग पत्र जमा किया।
लगभग 100 दुकानदार नगर निगम कार्यालय में पहुंचे थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि प्रधानमंत्री स्व निधि के तहत हमें अपना रोजगार खड़ा करने के लिए 10-10 हजार रुपये का लोन मिला है। सिर्फ यही नहीं नगर निगम की ओर से 200 रुपये प्रतिमाह की दर से यूजर चार्ज भी लिया गया है। ऐसी परिस्थिति में हमारा क्या दोष है। अब लोन कैसे चुकता करेंगे, इसका ब्याज कैसे देंगे।
जब निगम यूजर चार्ज ले ही रहा है तो हमें बसाने की व्यवस्था भी करें। हम लोग वैसे भी सड़क के बिल्कुल किनारे ठेला खोमचा लगाते हैं। सिटी सेंटर के बाहर की बात करें तो दुकानों की गाड़ियां ही सबसे अधिक सामने लगती हैं, क्योंकि सभी सीसीटीवी कैमरा के सामने अपनी गाड़ियां खड़ी करना चाहते हैं। इसी वजह से सभी हमें हटाने पर आमादा हैं। आम जनता को हमारे ठेले खोमचे से से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन दुकानदारों को सबसे अधिक परेशानी इसीलिए हो रही है क्योंकि उनकी गाड़ियां खड़ी नहीं हो पा रही हैं।
अगर हटाना ही है तो इनकी गाड़ियां यहां से हटाई जाएं। सिटी सेंटर की पार्किंग की जगह में दुकान खुली हुई है। वहां गाड़ियां खड़ी होनी चाहिए थी, लेकिन सभी सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर रहे हैं। यदि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो हम भी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सिटी सेंटर से बरटांड़ तक 160 फुटपाथ दुकानदार हैं, जो अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
नगर आयुक्त के अलावा दुकानदारों ने सांसद पीएम सिंह और विधायक राज सिन्हा से भी गुहार लगाई है। विधायक राज सिन्हा ने नगर आयुक्त को इस संबंध में पत्र लिखा है कि पिछले 15 वर्षों से फुटपाथ दुकानदार अस्थाई रूप से अपना भरण-पोषण करते आ रहे हैं। इसलिए इनके साथ सहानुभूति पूर्वक रवैया अपनाते हुए उचित निर्णय लें। मांग पत्र सौंपने वालों में महेश कुमार, विजय आनंद, प्रकाश, नंदू, किशोर प्रसाद वर्मा, विकास कुमार, सनोज प्रसाद वर्मा, विनोद वर्मा, संतोष कुमार आदि शामिल थे।