दुखद: भारत को आंखों का पहला राष्ट्रीय बैंक देने वाले डॉ. मदन मोहन की कोरोना से मौत

पद्मश्री से सम्मानित डॉ. मदन मोहन ने एम्स से सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली में एमएम आईटेक अस्पताल की स्थापना की थी। भारत सरकार के नेत्र विज्ञान चिकित्सा को लेकर सलाहकार रहे डॉ. मदन मोहन को साल 1985 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।

दुखद: भारत को आंखों का पहला राष्ट्रीय बैंक देने वाले डॉ. मदन मोहन की कोरोना से मौत

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कोरोना संक्रमण की वजह से डॉक्टरों की मौत का सिलसिला जारी है। 80 के दशक में देश को पहली आंखों का राष्ट्रीय बैंक दिलाने वाले वरिष्ठ डॉ. मदन मोहन की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। 92 वर्षीय डॉ.मदन मोहन दिल्ली एम्स के नेत्रविज्ञान केंद्र के 10 वर्ष तक प्रमुख रह चुके हैं। ये तत्कालीन राष्ट्रपति के व्यक्तिगत चिकित्सीय टीम में भी शामिल थे।


पद्मश्री से सम्मानित डॉ. मदन मोहन ने एम्स से सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली में एमएम आईटेक अस्पताल की स्थापना की थी। भारत सरकार के नेत्र विज्ञान चिकित्सा को लेकर सलाहकार रहे डॉ. मदन मोहन को साल 1985 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।


लखनऊ स्थित केजीएमयू से अध्ययन करने के बाद वर्ष 1960 से 1979 तक दिल्ली एम्स में सेवाएं दे रहे डॉ. मदन मोहन को डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्रविज्ञान केंद्र का 1989 तक प्रमुख नियुक्त किया गया था। 
पिछले एक साल से कोरोना महामारी के चलते अब तक दिल्ली में काफी स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार दिल्ली में अब तक 100 से अधिक डॉक्टरों की संक्रमण की चपेट में आने के बाद मौत हुई है। हाल ही में पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल की कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली एम्स में मौत हुई थी।