दुनिया अब जानेगी उत्तर प्रदेश के हर जिले का कारोबारी हुनर, तीन वर्ष में तीस फीसद बढ़ा निर्यात

योगी सरकार ने इन्वेस्ट यूपी का गठन एक वर्ष पहले किया था। यह इन्वेस्ट इंडिया का ही एक अंग है। इसने सबसे अधिक संभावनाओं को देखते हुए एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए एफडीआइ लाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है।

दुनिया अब जानेगी उत्तर प्रदेश के हर जिले का कारोबारी हुनर, तीन वर्ष में तीस फीसद बढ़ा निर्यात

उत्तर प्रदेश के उद्योग की रीढ़ सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) हैं, तो इस विभाग की ताकत योगी सरकार द्वारा शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना बन चुकी है। अब इस योजना के जरिए यूपी के एक-एक जिले के उद्यम कौशल का डंका दुनिया में बजाने के लिए खास प्रयास शुरू हुए हैं। इन्वेस्ट इंडिया की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि ओडीओपी योजना की वजह से उत्तर प्रदेश के एमएसएमई के निर्यात में तीन वर्ष में तीस फीसद का इजाफा हुआ है।

देशभर के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए इनवेस्ट इंडिया का गठन केंद्र सरकार ने कर रखा है, जिसका फोकस विशेष तौर पर मेक इन इंडिया पर है। इधर, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की। इसके जरिए प्रत्येक जिले से उत्पाद चिन्हित कर कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल विकास, आर्थिक सहयोग, बेहतर संसाधन मुहैया कराने जैसे बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।

इन्वेस्ट इंडिया का अंग है इन्वेस्ट यूपी : उत्तर प्रदेश सरकार ने 'इन्वेस्ट यूपी' का गठन भी लगभग एक वर्ष पहले किया था। इन्वेस्ट यूपी राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत इन्वेस्ट इंडिया का ही एक अंग है। इसने सबसे अधिक संभावनाओं को देखते हुए एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) लाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। इसी के तहत प्रदेश के स्थापना दिवस पर 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की गई। इसमें बताया गया है ओडीओपी योजना की वजह से उत्तर प्रदेश के एमएसएमई के निर्यात में तीन वर्ष में तीस फीसद का इजाफा हुआ है। पारंपरिक उद्योगों को बढ़ाने के इस माडल को अन्य राज्य भी अपनाने में रुचि दिखा रहे हैं।

वाराणसी से शुरुआत, ब्योरा जाएगा विदेश : रिपोर्ट की लॉन्चिंग के बाद एक बड़ी मुहिम इन्वेस्ट इंडिया ने शुरू की है। वाराणसी पर तैयार पहली रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व प्रसिद्ध बनारसी रेशमी साड़ी को इस योजना से इतना लाभ हुआ है कि तीन वर्ष में निर्यात 180 करोड़ से बढ़कर 260 करोड़ रुपये पहुंच गया। इन्वेस्ट इंडिया में प्रदेश के उद्योगों की रिपोर्ट बना रहीं स्ट्रेटजिक इन्वेस्टमेंट रिसर्च यूनिट की मिशिका नैय्यर ने बताया कि वाराणसी की यह रिपोर्ट दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावासों के जरिए निवेशकों के पास भेजी जा रही है। उनके साथ सेमिनार आदि भी किए जाएंगे। बताया जाएगा कि किस तरह उत्तर प्रदेश में कारोबारी संभावना है और वह किसी भी जिले के पारंपरिक उद्योग में निवेश कर सकते हैं। अगली रिपोर्ट अलीगढ़ पर बन रही है।

यह ओडीओपी योजना का उद्देश्य : एक जिला एक उत्पाद योजना को 24 जनवरी,  2018 को प्रदेश के जिलों में पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण के लिए और उसमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉन्च किया था। इस योजना उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश के हर जिलों का अपना एक प्रोडक्ट होगा, जो उस जिले की पहचान बनेगा। यह बिजनेस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की श्रेणी में रखा गया है। एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के भी अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के पांच वर्षों में 25 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है। अभी तक छोटे लघु एवं मध्य उद्योगों से 89 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात उत्तर प्रदेश से किया जा चुका है। यहां काच का सामान, लखनवी कढ़ाई युक्त कपडे, विशेष चावल आदि बहुत प्रसिद्ध है। ऐसी सभी वस्तुएं गांवों के छोटे-छोटे कारीगर बनाते हैं, लेकिन उन्हें कोई नहीं जानता है। इस योजना के तहत हुनर को प्रसिद्धि दिलाना भी है।