सिंघु बॉर्डर पर घटी प्रदर्शनकारियों की संख्या, नियमों का पालन भी नहीं कर रहे किसान

44 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान कोरोना के नियमों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। इलाके में इतनी गंदगी फैल गई है कि प्रदर्शन खत्म होने के बाद भी हाईवे व आसपास के इलाके को सामान्य स्थिति में लाने के लिए करीब सप्ताह का समय लग सकता है।

सिंघु बॉर्डर पर घटी प्रदर्शनकारियों की संख्या, नियमों का पालन भी नहीं कर रहे किसान

 तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन शनिवार को 45वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर नए साल के बाद से लगातार प्रदर्शनकारियों की संख्या घटती जा रही है। शुक्रवार को भी काफी कम संख्या में किसान सिंघु बॉर्डर पर दिखे। दरअसल, नववर्ष के बाद से ही लगातार बारिश हो रही थी। इस वजह से हर तरफ कीचड़ फैला है और गंदगी की भी भरमार है। 44 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान कोरोना के नियमों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। इलाके में इतनी गंदगी फैल गई है कि प्रदर्शन खत्म होने के बाद भी हाईवे व आसपास के इलाके को सामान्य स्थिति में लाने के लिए करीब सप्ताह भर का समय लग सकता है।

प्रदर्शनकारियों ने डिवाइडर तक उखाड़ दिए हैं। सड़कों को खोद दिया है। आसपास की गलियां व नाले भी गंदगी की वजह से बंद हो गए हैं। बढ़ती गंदगी को देखते हुए लोगों की संख्या घटी है। कोरोना महामारी के दौर में इतने लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। 

सिंघु बार्डर पर किसानों के धरना स्थल पर जाते समय सबसे पहले गंदगी ही लोगों का स्वागत कर रही है। इसकी सफाई तो की जाती है, लेकिन कुछ देर बाद फिर से यही हाल हो जाता है।शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम थी। बारिश से बचाव के लिए वाटरप्रूफ टेंट लगाने के बावजूद कुछ ही प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर दिखे।

बाहर से आने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम थी। इस कारण लंगर स्थल पर सेवादार प्रसाद हाथ में लेकर बैठे रहे, लेकिन काफी समय के बाद लोग लंगर छकने आए। उधर, निहंग सिखों की ओर से बैरिकेड के पास लगातार अपना दायरा बढ़ाया जा रहा है। इस वजह से आने-जाने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है।

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