नोएडा: लंदन में प्रॉपर्टी का वारिस बनाने के नाम पर इंजीनियर से की 60 लाख की साइबर ठगी, आरोपी बरेली से गिरफ्तार

आरोपियों ने वर्ष 2019 में इंजीनियर को ई मेल कर करोड़ों कीं संपत्ति का वारिस बनाने का लालच दिया था। इस गिरोह के तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

नोएडा: लंदन में प्रॉपर्टी का वारिस बनाने के नाम पर इंजीनियर से की 60 लाख की साइबर ठगी, आरोपी बरेली से गिरफ्तार

विस्तार
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में प्रापर्टी का वारिस बनाने के नाम पर आईटी इंजीनियर से 60 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का साइबर क्राइम थाना ने खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


आरोपियों ने वर्ष 2019 में इंजीनियर को ई मेल कर करोड़ों कीं संपत्ति का वारिस बनाने का लालच दिया था। इस गिरोह के तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।


सेक्टर-36, नोएडा स्थित साइबर क्राइम थाना की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि ग्रेनो वेस्ट में रहने वाले तुषार वार्ष्णेय आईटी इंजीनियर हैं। 8 जनवरी 2019 को उन्हें एक मेल आई थी। इसमें मेल भेजने वाले ने खुद को ब्रिटेन का एडवोकेट ब्रुज ऐडी बताया था। उसने बताया कि लंदन में रहने वाले स्वर्गीय ब्रज वार्ष्णेय की वर्ष 2005 में हुई एक सड़क दुर्घटना में सपरिवार मौत हो गई थी।

उनकी संपत्ति का वारिस बनने के लिए वह वार्ष्णेय गोत्र के किसी शख्स की तलाश कर रहे थे। इस कारण एडवोकेट की तरफ से तुषार को प्रस्ताव दिया गया कि मृतक ब्रज वार्ष्णेय के बैंक खाते में 12.5 मिलियन पाउंड है और जमीन उनके नाम हैं। पूरी संपत्ति व कैश तरुण को वह दिलवा देगा। इसके बदले में वह पचास फीसदी हिस्सा लेगा।

इस पर तरुण तैयार हो गए तो ब्रिटेन के एटार्नी जनरल की तरफ से तुषार के पास एक मेल आया। इसमें कहा गया लंदन की नैटिकस बैंक में जमा रकम को रिलीज कराने के लिए फार्म भरना होगा। जब तरुण ने फार्म भर दिया तो फिर नैटिकस बैंक की तरफ से मेल आया। इसमें बताया गया कि पूरा रकम 12.5 मिलियन पाउंड मुंबई के आरबीआई में जमा करा दी गई है।

इसके कुछ देर में ही आरबीआई के विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग देहरादून से मेल आने लगे। इसमें वारिसान परिवर्तन, विदेशी करेंसी को भारतीय मुद्रा में बदलने और कस्टम ड्यूटी आदि के नाम पर 60 लाख रुपये जमा करा लिए गए थे। इसके बाद इस मामले में बिसरख थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। बाद में यह मामला साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दिया गया था।
बरेली से हुए तीनों आरोपी गिरफ्तार  
साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि इस मामले की जांच के बाद पता चला कि बरेली का एक गैंग है जो इस तरह से मेल भेजकर लोगों के साथ ठगी कर रहा है। जांच के दौरान पुलिस की टीम ने शुक्रवार को बरेली के गांव तिलयापुर, थाना सीवी गंज से अकीलुद्दीन, अनीस अहमद और असलीम खान को गिरफ्तार कर लिया। इनमें अकीलुद्दीन और अनीस दसवीं पास हैं। जबकि असलीम खान आठवीं पास है। पुलिस की टीम इस गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में पता लगा रही है।

गिरोह के सरगना की तलाश
सबसे पहले इस मामले की रिपोर्ट बिसरख थाने में दर्ज हुई थी। बाद में इसकी जांच साइबर थाने में ट्रांसफर हो गई थी। इस मामले में पुलिस 3  आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है। इनमें गुरुग्राम निवासी पति-पत्नी और एक अन्य आरोपी शामिल हैं। अब तक इस मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। हालांकि अभी इस गिरोह के सरगना के बारे में पुलिस पता नहीं लगा पाई है। बताया जाता है कि इस गिरोह का सरगना कई अन्य लोगों के साथ मिलकर इस तरह की कई और ठगी की है।

बीस हजार देकर खुलवाते थे फर्जी खाते
 पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये लोग बरेली के दंतिया गांव के रहने वाले जाबिर और राशिद से आईडी व अन्य दस्तावेज लेकर आधार कार्ड में नाम पता बदलवा कर हरियाणा, पंजाब से लेकर अन्य राज्यों में बैंक खाते खुलवाते हैं। उनका एटीएम, पासबुक, चेकबुक, रजिस्टर मोबाइल नंबर अपने पास रख लेते हैं। इसके बदले में प्रति बैंक खाते बीस हजार रुपये देते थे। जाबिर और राशिद ने इस गिरोह के लिए करीब 95 बैंक खाते खुलवाए हैं। पुलिस को अभी 25 खातों में 13 लाख मिले हैं, जिन्हें फ्रीज करा दिया गया है। इसके अलावा आरोपियों के पास से 3 मोबाइल, 5 डेबिट कार्ड, प्रेस कार्ड समेत अन्य कागजात मिले हैं।

लंदन में प्रॉपर्टी का वारिस बनाने के नाम पर 60 लाख की ठगी करने वाले एक साइबर ठग गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी ई मेल भेजकर ठगी करते थे। इन आरोपियों के बैंक खातों का फ्रीज करा दिया गया है। इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - डॉ. त्रिवेणी सिंह, एसपी, साइबर क्राइम