पटना: एक परिवार के 21 लोग निकले कोरोना संक्रमित, बुजुर्ग महिला की मौत के बाद भी नहीं खोया धैर्य, एक-दूसरे के साथ से हुए ठीक

बिहार के पटना में 21 सदस्यों का परिवार कोरोना संक्रमित हो गया। संक्रमण के कारण परिवार की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, लेकिन बाकी सदस्यों ने हार नहीं मानी और संकट के समय में एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए इस बीमारी से जंग जीत ली।

पटना: एक परिवार के 21 लोग निकले कोरोना संक्रमित, बुजुर्ग महिला की मौत के बाद भी नहीं खोया धैर्य, एक-दूसरे के साथ से हुए ठीक

विस्तार
कोरोना  वायरस का प्रकोप हर तरफ फैला हुआ है। आए दिन बड़ी संख्या में लोग इस घातक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। कोविड संक्रमित होकर कुछ लोग जिंदगी की जंग हार जा रहे हैं तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो डटकर इस वायरस का सामना कर रहे हैं और एक-दूसरे के साथ से इस बीमारी से उबरने में सफलता पा रहे हैं। इस बात का जीता-जागता उदाहरण बिहार के पटना में रहने वाला एक परिवार है, जहां 21 सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना संक्रमण के कारण परिवार की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, लेकिन बाकी सदस्यों ने हार नहीं मानी और संकट के समय में एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए इस बीमारी से जंग जीत ली।

 
 

एक-दूसरे को मानसिक तौर पर संभाले रखा
पटना के रूकनपुरा इलाके में रहने वाले 38 साल के रवि कुमार सिंह और उनके परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोरोना वायरस के कारण उन्हें बहुत कुछ झेलना पड़ेगा। 21 सदस्यों वाले रवि कुमार के परिवार में बड़े-बुजुर्ग से लेकर 10 साल के छोटे बच्चे तक कोरोना की चपेट में आ गए। बुखार, दर्द और कोरोना के अन्य लक्षणों के कारण ये परिवार कई दिनों तक तकलीफ में रहा।

परिवार की सबसे बड़ी बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उनका श्राद्धकर्म और ब्रह्मभोज भी नहीं हो सका। हालांकि, फिर भी इस परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना से पीड़ित होते हुए भी लगातार एक-दूसरे की देखभाल करते रहे। एक-दूसरे को मानसिक तौर पर संभाले रखा व कोरोना से लड़ने की हिम्मत दी।

दादी की मौत के बाद कोरोना का पता चला
रवि कुमार सिंह ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य पटना में दो जगहों पर रहते हैं। फुलवारी शरीफ के राष्ट्रीय गंज वाले घर में उनकी 85 साल की दादी पार्वती देवी, चाचा, चाची और बेटे-बहु रह रहे थे। अचानक चार अप्रैल की सुबह उन्हें खबर मिली की दादी नहीं रहीं।

उनके निधन की खबर सुनकर पूरा परिवार जुट गया। साथ में बुआ और उनके दोनों बेटे भी आ गए। रूकनपुरा वाले घर से पापा, मां, पत्नी और बच्चे भी आ गए लेकिन उस वक्त तक किसी को यह समझ में नहीं आया कि दादी की मौत कैसे हुई।

आरटी-पीसीआर जांच में सभी निकले पॉजिटिव
इधर, दादी के निधन के अगले दिन ही पांच अप्रैल को रवि की भाभी रेणु सिंह की तबीयत खराब होने लगी। उन्हें तेज बुखार के साथ ही सांस लेने में तकलीफ होने लगी। ऐसे में 11 अप्रैल को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब डॉक्टर ने उनकी कोरोना की जांच कराई तो वे कोविड पॉजिटिव निकलीं।

फिर दादी के निधन के वक्त जुटे भाभी समेत परिवार के सभी 21 सदस्यों की भी आरटी-पीसीआर जांच कराई गई, जिसमें सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब से परिवार के सभी लोग आइसोलेट हो गए। संकट की घड़ी में परिवार के सभी सदस्यों ने धैर्य बनाए रखा।

पॉजिटिव होने के बाद भी रवि और उनकी पत्नी अर्पणा सिंह पूरे परिवार का ख्याल रखा। हर सदस्य ने एक-दूसरे को मेंटली सपोर्ट किया। मेडिकल फिल्ड से जुड़े होने की वजह से रवि को कई डॉक्टरों से परामर्श भी मिलता रहा। इसके कुछ ही दिनों में रवि और उनका पूरा परिवार कोरोना निगेटिव हो गया।