पढ़ें यूपी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले : सांसद-विधायक बनाए जाएंगे जिला खनिज फाउंडेशन के सदस्य

बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी, आरआरटीएस के दायरे में आने वाले परिवहन निगम के भवन होंगे स्थानांतरित और प्रशिक्षण के लिए हवाई पट्टी का उपयोग कर सकेंगे फ्लाइंग क्लब... के साथ पढ़ें अन्य महत्वपूर्ण फैसले।

पढ़ें यूपी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले : सांसद-विधायक बनाए जाएंगे जिला खनिज फाउंडेशन के सदस्य

विस्तार
जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की शासी परिषद व प्रबंध समिति में अब लोकसभा व राज्यसभा सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा। योगी कैबिनेट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (द्वितीय संशोधन) नियमावली-2021 को मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में लोकसभा व राज्यसभा सांसद, विधानसभा सदस्य और विधान परिषद सदस्यों को सदस्य नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश फाउंडेशन की शासी परिषद एवं प्रबंध समिति में सांसद-विधायकों को समिति में सदस्य नामित करने के लिए नियमावली में संशोधन किया है। जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में उपलब्ध राशि को भारत सरकार व प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत व्यय कर सकेगी।
आरआरटीएस की परिधि में आने वाले परिवहन निगम के भवन स्थानांतरित होंगे
दिल्ली से मेरठ के बीच बन रहे रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कारिडोर परियोजना के परिधि में आने वाले परिवहन विभाग के भवनों को स्थानांतरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके लिए सरकार परिवहन निगम को जिले केसरधना तहसील के मुकर्रबरपुर पल्हेड़ में नि:शुल्क जमीन देगी। प्रस्ताव के मुताबिक आरआरटीएस की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर परियोजना के दायरे में  परिवहन निगम की क्षेत्रीय कार्यशाला, आवासीय कालोनी व गेस्ट हाउस आदि के भवन आ रहे हैं। जिसे वहां से हटाया जाना है। इसलिए सरकार ने इन भवनों नए स्थान पर स्थानांतरित करने केलिए परिवहन निगम को निशुल्क देने का फैसला किया है। जो जमीन परिवहन निगम को दी जानी है, वह सरधना तहसील के मुकर्रबरपुर पल्हेड़ में सीलिंग से बची हुई है। परिवहन निगम को कुल रकबा 12140,55 वर्गमीटर भूमि परिवहन निगम को दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के लिए हवाई पट्टी का उपयोग कर सकेंगे फ्लाइंग क्लब
हेलीकॉप्टर और  विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण देने वाले फ्लाइंग क्लब और अकादमी प्रदेश सरकार की हवाई पट्टियों का उपयोग कर सकेंगी। योगी कैबिनेट ने सोमवार को आयोजित बैठक में हवाई पट्टी के उपयोग की नीति स्वीकृत की है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से चयनित चयनित फ्लाइंग अकादमी, संगठनों और फ्लाइंग क्लब को अकबरपुर अंबेडकरनगर, अन्धऊ गाजीपुर, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद, धनीपुर अलीगढ़, अमहट सुल्तानपुर, म्योरपुर सोनभद्र, सैफई इटावा,  पलिया खीरी, झांसी, रसूलाबाद कानपुर देहात, आजमगढ़ व चित्रकूट में स्थित कुल 13 हवाई पट्टियों तथा उन पर निर्मित परिसंपत्तियों हैंगर, भवन का उड्डयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए उपयोग कर सकेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य में 17 हवाई पट्टियां स्थित है। वर्ष 2007 में स्वीकृत नीति के तहत अलीगढ़ हवाई पट्टी पर चार, सुल्तानपुर हवाई पट्टी पर एक, मेरठ हवाई पट्टी पर एक व अयोध्या हवाई पट्टी एक निजी संस्था प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व नीति के लागू होने से अब तक लगभग 13 वर्ष के समय में नागरिक उड्डयन के परिवेश में काफी बदलाव हो गया है। इससे पूर्व नीति में कतिपय संशोधन कर नई नीति लागू किए जाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही है।
बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी
कानपुर नगर के बिकरू गांव में अपराधियों द्वारा 8 पुलिस कर्मियों की हत्या और मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों मामले में न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट को विधानमंडल के पटल पर रखा जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बता दें कि पिछले साल 2-3 जुलाई की रात को कानपुर नगर के बिकरू गांव में अपराधियों ने घात लगाकर 8 पुलिस कर्मियों को मौत के घात उतार दिया था। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने अपराधियों को मार गिराया था। इसके अलावा कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था।   
पूर्वांचल एक्सप्रेस पर दोनों ओर हर 85 किमी पर होगा एक पेट्रोल पंप
पूर्वांचल एक्सप्रेस पर दोनों ओर हर 85 किलोमीटर पर एक पेट्रोल पंप होगा। ‘कोको’ मॉडल पर पेट्रोल पंप आवंटन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार, कुल 8 पेट्रोल पंपों में 4 आईओसी, 2 रिलायंस और 1-1 एचपीसी और बीपी को मिले हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर ‘कंपनी के और कंपनी द्वारा संचालित’ यानी कोको मॉडल पर पेट्रोल पंप स्थापित किए जाएंगे। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 340 किलोमीटर है। दोनों ओर कुल 4-4 पेट्रोल पंप होंगे। टेंडर में सबसे ज्यादा मासिक किराया देने का प्रस्ताव देने वाली कंपनियों को ये पंप एलॉट करने का प्रस्ताव आया था, जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। इन पंपों के स्थापित होने से ईंधन लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
11 पुरातत्व धरोहरों के विकास के लिए बनाए जाएंगे स्मारक मित्र
उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के 11 प्रमुख स्मारक स्थलों के विकास के लिए स्मारक मित्र बनाए जांएगे। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी गई। उप्र एडॉप्ट ए हेरिटेज पॉलिसी के तहत ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ मिशन को और मजबूत करने के लिए इस प्रस्ताव को रखा गया था। कैबिनेट ने इसे अनुमोदित कर दिया।  इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय, संस्कृति विभाग द्वारा संरक्षित स्मारकों, पुरा स्थलों का स्थलीय विकास एवं रखरखाव, जन सुविधाओं का प्रबंधन सार्वजनिक उद्यम इकाइयों व निजी क्षेत्र की सहभागिता से करने की योजना है। इसके लिए निजी क्षेत्र के उद्यमियों को स्मारक मित्र बनाया जाना प्रस्तावित है। चयनित स्मारक मित्राें द्वारा स्वयं के संसाधनों से यह कार्य करना होगा। इसके लिए चुने गए सभी स्मारक मित्र तथा संबंधित जिलाधिकारी के बीच एमओयू होगा जिसकी जिसकी अधिकतम अवधि 05 वर्ष के लिए होगी। साथ ही इसके सही क्रियान्वयन के लिए संस्कृति विभाग एवं पर्यटन विभाग की एक संयुक्त समिति बनायी जाएगी। निर्णय लिया गया कि कि छतर मंजिल एवं फरहत बख्श कोठी कैसरबाग लखनऊ, कोठी गुलिस्ताने इरम कैसरबाग लखनऊ,  दर्शन विलास कोठी कैसरबाग लखनऊ,  हुलासखेड़ा उत्खनन स्थल मोहनलालगंज लखनऊ,  कुसुमवन सरोवर गोवर्धन मथुरा,  गोवर्धन की छतरियां गोवर्धन मथुरा,  रसखान समाधि गोकुल मथुरा,  गुरुधाम मन्दिर वाराणसी,  कर्दमेश्वर महादेव मन्दिर कंदवा वाराणसी,  चुनार किला मीरजापुर एवं प्राचीन दुर्ग बरुआसागर झांसी चयनित स्मारकों में स्मारक मित्र बनाए जाएंगे।
पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर भुगतान के लिए नियमों में शिथिलीकरण
पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर कोविड संकट के कारण कांट्रैक्टर्स को भुगतान के लिए शेड्यूल-एच के प्रावधानों में शिथिलीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। भारत सरकार के आदेश के क्रम में यह शिथिलीकरण सितंबर-2021 तक प्रभारी रहेगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, शेड्यूल-एच में निर्धारित काम के पूरा होने पर ही उस सीमा तक भुगतान का नियम है। कोविड संकट के कारण काम प्रभावित होने के कारण कांट्रैक्टर्स के सामने नकदी का संकट आ गया है। इसलिए भारत सरकार ने शेड्यूल-एच में राहत देने के लिए पहले जून-2021 तक का समय दिया था, जिसे अब बढ़ाकर सितंबर-2021 कर दिया गया है। भारत सरकार के आदेश को देखते हुए ही यूपी सरकार भी नियमों में शिथिलीकरण का यह प्रस्ताव लाई थी। राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि यह सभी राज्यों में लागू किया गया है। इससे फैसले से परियोजनाओं के काम में तेजी आएगी। यह शिथिलीकरण पूर्वांचल एक्सप्रेस परियोजना के पैकेज संख्या-1 से 8 और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना के पैकेज-1 से 6 पर लागू होगा।
विंध्यवासिनी मंदिर के संपर्क मार्ग बनाए जाएंगे, फसाड़ ट्रीटमेंट भी होगा
मिर्जापुर स्थित शक्तिपीठ विंध्यवासिनी मंदिर के संपर्क मार्गों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। मंदिर के परकोटा और परिक्रमा पथ का निर्माण कराया जाएगा। मंदिर की गलियों में उच्च विशिष्टि के साथ फसाड़ ट्रीटमेंट भी कराया जाएगा। योगी कैबिनेट ने सोमवार विंध्यवासिनी मंदिर से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने विंध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण, विंध्यवासिनी मंदिर पर परकोटा एवं परिक्रमा पथ के निर्माण और विंध्यवासिनी मंदिर की गलियों के फसाड ट्रीटमेंट के निर्माण में उच्च विशिष्टियों के प्रयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होेंने बताया कि विंध्यवासिनी मंदिर को जाने वाले मार्गों को जोड़ने वाले पहुंच मार्गों के निर्माण एवं  सुदृढ़ीकरण परियोजना के लिए 40 करोड़ 38 लाख 10 हजार रुपये, विंध्यवासिनी मंदिर पर परकोटा एवं परिक्रमा पथ के निर्माण परियोजना के लिए 45.76 करोड़ रुपये तथा विंध्यवासिनी मंदिर की गलियों के फसाड ट्रीटमेंट के लिए 41.88 करोड़ रुपये की स्वीकृत की गई है। उनका कहना है कि विंध्यधाम में पर्यटन सुविधाए विकसित करने से वहां प्रत्येक श्रेणी के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ पूंजी निवेश में भी वृद्धि होगी।
फोरेंसिक इस्टीट्यूट के संचालन के लिए बनेगी सोसाइटी
प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित उप्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज के संचालन के लिए एक सोसाइटी का गठन किया जाएगा। इसके लिए सोसाइटी का एक्ट के तहत पंजीकरण कराया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक सोसाइटी में अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव पदेन होंगे, जबकि पुलिस महानिदेशक उपाध्क्ष होंगे। इनके अलावा इंस्टीट्यूट के निदेशक सोसाइटी के सदस्य सचिव होंगे। इसमें एकेटीयू के कुलपति या उनके द्वारा नामित कोई प्रतिनिधि के अलावा फोरेंसिक क्षेत्र के तीन विशेषज्ञ भी सोसाइटी में सदस्य बनाए जाएंगे। बता दें कि राजधानी में स्थापित हो रहे  उप्र स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज की स्थापना के लिए पिछले महीने ही गृह मंत्री अमित शाह ने शिलान्यास किया है।  
मजदूरी न देने पर अब नियोक्ता को नहीं होगी जेल, बस लगेगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासंभव संदाय) अधिनियम 1978 में संशोधन को कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी दे दी गई। इसके तहत अब मजदूरी न देने वाले नियोक्ता को जेल नहीं होगी। उस पर जुर्माना बढ़ा दिया गया है। इस संशोधन से उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी। अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा के मुताबिक  इस अधिनियम में प्रावधान यह था कि यदि किसी नियोक्ता पर किसी श्रमिक की एक लाख रुपये या इससे ज्यादा मजदूरी बकाया है और नियोक्ता उसका भुगतान नहीं कर रहा है तो इसमे सजा का प्रावधान था। इसके तहत नियोक्ता को तीन माह से तीन वर्ष तक की जेल एवं पचास हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था कि नियोक्ता को अब जेल नहीं होगी। जेल का प्रावधान खत्म कर केवल जुर्माना ही लगाया जाएगा। इस प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया है। जुर्माना पचास हजार से एक लाख रुपये तक लगाया जा सकेगा। इस संशोधन से उद्यमियों को बड़ी राहत दी गई है। सरकार की मंशा है कि इससे यूपी में ज्यादा से ज्यादा उद्यमी निवेश करेंगे और औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे। इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
उड़ान योजना के चयनित मार्गों पर मिलेगी शत प्रतिशत गैप फंडिंग
प्रदेश सरकार उड़ान योजना के तहत चयनित रूट पर चलने वाले विमानों को शत प्रतिशत वायबिलिटी गैप फंडिंग देगी। प्रदेश सरकार का दावा है कि इससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र का विकास होगा और प्रदेश से घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के अनुसार सोमवार को आयोजित योगी कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार की ओर से चयनित रूट्स पर 100 प्रतिशत वायबिलिटी गैप फंडिंग का भुगतान प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा। सभी रूट्स के लिए 3 वर्ष के लिए वार्षिक आधार पर प्रतिवर्ष 2 अरब 56 करोड़ 28 लाख 32 हजार 170 रुपये का भुगतान करने की सहमति दी है। मंत्रिपरिषद ने इस संबंध आवश्यक  निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। उनका कहना है कि इससे नागरिक उड्डयन क्षेत्र का विकास होगा।
देवरिया में बनेगा रामचंद्र विद्यार्थी स्मृति स्थल
योगी कैबिनेट ने देवरिया में शहीद स्वर्गीय रामचंद्र विद्यार्थी स्मृति स्थल के विकास और संग्रहालय निर्माण के लिए राजकीय आस्थान (पुरानी कचहरी) की भूमि निशुल्क पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि देवरिया में पुरानी कचहरी की भूमि पर शहीद स्व. रामचन्द्र विद्यार्थी स्मृति स्थल के विकास एवं संग्रहालय के निर्माण के लिए कचहरी की 0.532 हेक्टेयर और  0.849 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग के नाम नि:शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। कैबिनेट ने प्रकरण में आवश्यकतानुसार निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि स्मृति स्थल के निर्माण से वहां देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी एवं रोजगार सृजन व पूंजी निवेश में बढ़ोत्तरी होगी।
विदेशी शराब और स्प्रिट पर टैक्स निर्धारण का पुराना नियम समाप्त
आबकारी विभाग के गैरजरूरी कानूनों को  सोमवार को हुई प्रदेश कैबिनेट ने समाप्त करने की मंजूरी दे दी। पहले प्रदेश में विदेशी शराब और स्प्रिट पर टैक्स का निर्धारण आबकारी विभाग करता था लेकिन प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद से टैक्स निर्धारण के लिए बने पुराने नियम गैरजरूरी हो गए थे। इन अनुपयोगी कानूनों को खत्म करने की संस्तुति की गई थी। जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

 
बीज ग्राम योजना में भी गेहूं व धान के बीज पर 2,000 रुपये अनुदान
प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। प्रदेश कैबिनेट ने गेहूं व धान के बीज पर अन्य केंद्रीय योजनाओं के समतुल्य अनुदान देने के लिए विशेष अनुदान योजना से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र पोषित योजनाओं में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार की योजना, एकीकृत धान्य विकास कार्यक्रम के अंतर्गत धान व गेहूं बीज वितरण पर किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम 2,000 रुपये प्रति कुंतल (जो भी कम हो) अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। बीज ग्राम योजना के अंतर्गत धान के लिए मूल्य का 50 प्रतिशत व अधिकतम 1,750 रुपये प्रति कुन्तल तथा गेहूं के लिए 1,600 रुपये प्रति कुंतल अनुदान की व्यवस्था है। यह अन्य केंद्रीय योजनाओं की तुलना में कम है। इससे किसान इस योजना की ओर कम आकर्षित होते हैं। प्राय: केंद्र से आवंटित धनराशि का भी सदुपयोग नहीं हो पाता। प्रदेश सरकार ने इस विसंगति को दूर करने के लिए अपनी ओर से पहल की है। अब बीज ग्राम योजनांतर्गत गेहूं व धान के बीज मूल्य पर अन्य केंद्रीय योजनाओं के समतुल्य अनुदान की अधिकतम धनराशि 2,000 रुपये प्रति कुंतल दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर आने वाला पूरक खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान के अतिरिक्त धान के बीज पर 250 रुपये प्रति कुंतल व गेहूं के बीज पर 400 रुपये प्रति कुन्तल का अतिरिक्त अनुदान प्रदेश सरकार वहन करेगी। यह योजना चालू वित्तीय वर्ष व आगे के वर्षों में भी लागू रहेगी।