ब्लॉक प्रमुख चुनाव: विधायकों-मंत्रियों की दबाव की राजनीति रंग लाई, ज्यादातर क्षेत्रों में पसंद से चुने गए उम्मीदवार

ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में दिनभर चली मशक्कत के बाद उम्मीदवार चयन को अंतिम रूप दिया गया। प्रत्यााशी चयन में विधायकों व मंत्रियों की पसंद को तरजीह दी जाएगी।

ब्लॉक प्रमुख चुनाव: विधायकों-मंत्रियों की दबाव की राजनीति रंग लाई, ज्यादातर क्षेत्रों में पसंद से चुने गए उम्मीदवार

विस्तार
क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों (ब्लॉक प्रमुखों) के चुनाव में प्रदेश सरकार के मंत्रियों और विधायकों की दबाव की राजनीति रंग लाई है। 825 क्षेत्र पंचायतों में 10 जुलाई को होने वाले अध्यक्ष के चुनाव में ज्यादातर जगह मंत्रियों-विधायकों की पसंद से टिकट दिए गए हैं। मंगलवार को भाजपा मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता और प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में दिनभर चली मशक्कत के बाद उम्मीदवार चयन को अंतिम रूप दिया गया।


दरअसल, प्रदेश सरकार के मंत्रियों और विधायकों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में करीबियों और परिजनों को टिकट नहीं दिला पाने का मलाल था। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का सीधा संबंध ग्रामीण क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र के विकास और चुनावी राजनीति से होने से विधायक व मंत्री ब्लॉक प्रमुख के उम्मीदवार को लेकर खासे चिंतित हैं।


कमोबेश सभी विधायकों ने एकजुट होकर पार्टी के जिलाध्यक्षों से लेकर क्षेत्रीय अध्यक्षों, क्षेत्रीय प्रभारी व प्रदेश नेतृत्व तक संपर्क कर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट देने का दबाव बनाया। उनका मानना है कि यदि उनके क्षेत्र में ब्लॉक प्रमुख उनकी पसंद से नहीं बनाया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार से लेकर प्रबंधन तक में परेशानी होगी। इतना ही नहीं विरोधी ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद वे इस महीने से ही विधायक के टिकट की दावेदारी शुरू कर क्षेत्र में गुटबाजी कर माहौल खराब कर देंगे।
जीत न मिली तो विधायक ही होंगे जिम्मेदार
जानकारी के मुताबिक पार्टी ने विधायकों के तर्क से सहमत होते हुए अधिकांश जगह उनकी पसंद से उम्मीदवार चयन किया है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि विधायकों की मर्जी के मुताबिक टिकट देने के बाद भी जीत नहीं मिलती है तो इसके लिए संबंधित विधायक ही जिम्मेदार होंगे।

सूत्रों के मुताबिक कुछ जगह विधायकों के खिलाफ संगठन की ओर से शिकायत मिली कि वहां विधायक की सिफारिश को खारिज भी किया गया है। जहां कहीं जिलाध्यक्ष व विधायक या विधायक एवं सांसद के बीच उम्मीदवार को लेकर टकराव की स्थिति रही वहां पर पार्टी ने अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

उम्मीदवार चयन पर पूरे दिन मंथन
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में दिनभर चली बैठक में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के उम्मीदवार चयन के लिए क्षेत्रवार मंथन किया गया। क्षेत्रीय अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रभारी की ओर से तैयार पैनल और विधायकों की सिफारिश के आधार पर विचार विमर्श कर प्रत्याशी चयन किया गया। बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, पंचायत चुनाव प्रभारी जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, सुब्रत पाठक, प्रियंका रावत आदि मौजूद थे।