बिहार के विश्वविद्यालयों ने नहीं दिया 646 करोड़ का हिसाब, अब होगी सख्ती

शिक्षा विभाग ने उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र जमा करने का आदेश दिया। जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई है। सर्वाधिक गड़बड़ी इसी यूनिवर्सिटी में है। जयप्रकाश विवि ने 105 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है।

बिहार के विश्वविद्यालयों ने नहीं दिया 646 करोड़ का हिसाब, अब होगी सख्ती

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुशासन को ट्रैक पर लाने की जतन में जुटी सरकार की ओर से दिए जा रहे निर्देशों का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। हाल यह है कि चालू वित्त वर्ष में विश्वविद्यालयों ने 646 करोड़ रुपये का न हिसाब दिया है, न उपयोगिता प्रमाण पत्र। इसमें वेतन एवं पेंशन मद का 450 करोड़ रुपये और आधारभूत संरचना का 196 करोड़ रुपये का हिसाब शामिल है।

इस पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है।

शिक्षा सचिव ने दिए कड़े निर्देश

शिक्षा सचिव असंगबा चुबा आओ ने कुलपतियों एवं कुलसचिवों को उपरोक्त राशि संबंधी उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र देने का आदेश दिया है। बुधवार को असंगबा चुबा आओ ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें पाया गया कि अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में जयप्रकाश विवि के पास सर्वाधिक 105 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है। उसने उपयोगिता प्रमाणपत्र भी  जमा नहीं किया है। शिक्षा सचिव ने उपयोगिता प्रमाण पत्र जल्द जमा करने का निर्देश कुलपति प्रो.फारुख अली को दिया। इसके अलावा वेतन सत्यापन और न्यायलय संबंधी लंबित मामलों को शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।

निगरानी जांच के चलते 12 करोड़ रुपये वापस :

बैठक में कुलपति की ओर से शिक्षा विभाग को बताया गया कि वर्ष 2008 से 2017 तक के लिए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के संबद्ध डिग्री कॉलेजों के अनुदान मद में शिक्षा विभाग से 12 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन संबंधिक कॉलेजों की निगरानी जांच होने के चलते उक्त राशि को विभाग को ही वापस कर दिया गया। शिक्षा विभाग की ओर से कुलपति को ध्यान दिलाया गया कि बकाया अनुदान का भुगतान के मामले में विश्वविद्यालय को ही निर्णय लेना है और मांग करना है।

जेपी विवि के लिए अधिग्रहित की जाएगी 2 एकड़ भूमि

कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और अन्य पदाधिकारियों के रहने हेतु विश्वविद्यालय परिसर में आवास की व्यवस्था नहीं है। विश्वविद्यालय के मेनगेट के पास ही 2 एकड़ भूमि है, जो अधिग्रहित होने से रह गई थी। 2 एकड़ भूमि निजी स्वामित्व में है। इससे विश्वविद्यालय को दिक्कत हो रही। शिक्षा सचिव ने इस मामले में अपने स्तर से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि आधारभूत संरचना निर्माण के संबंध में प्रतिवेदन दें।

बैठक में शामिल अधिकारी : प्रतिकुलपति प्रो.लक्ष्मी नारायण सिंह, कुलसचिव कर्नल एसएन झा, उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी, उपनिदेशक डॉ.दीपक कुमार सिंह एवं अजीत कुमार।