भविष्य में सामान्य फ्लू बनकर रह जाएगा कोविड-19, अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा

कोरोना वायरस (कोविड-19) पर विज्ञानी दिन-रात शोध कार्यो में लगे हुए हैं। इसकी कड़ी में एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि ज्यादातर लोग बचपन में ही सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो जाएं तो भविष्य में यह एक मामूली वायरस बन कर रह जाएगा।

भविष्य में सामान्य फ्लू बनकर रह जाएगा कोविड-19, अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा

कोरोना वायरस (कोविड-19) पर विज्ञानी दिन-रात शोध कार्यो में लगे हुए हैं। इसकी कड़ी में एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यदि ज्यादातर लोग बचपन में ही सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हो जाएं तो भविष्य में यह एक मामूली वायरस बन कर रह जाएगा। एक ऐसा वायरस जिसके चलते सामान्य सर्दी-जुकाम होता है क्योंकि यह समय के साथ-साथ खुद को बदलते (म्यूटेड) रहता है।

जर्नल साइंस में मंगलवार को प्रकाशित हुआ यह अध्ययन सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बनने वाले चार कोरोना वायरस और सार्स-सीओवी-1 पर आधारित है। इस वायरस से संबंधित प्रतिरक्षा विज्ञान और महामारी विज्ञान के डाटा के विश्लेषण से विज्ञानियों को सार्स-सीओवी-2 के भविष्य के स्वरूप के संबंध में अनुमान लगाने वाला एक मॉडल विकसित करने में मदद मिली। विज्ञानियों ने कहा कि सामान्य सर्दी-जुकाम करने वाले कोरोना वायरस पिछले कई वर्षो से लोगों को संक्रमित कर रहे हैं और लगभग हर व्यक्ति बचपन में उनसे संक्रमित हो चुका है।

इस अध्ययन की प्रथम लेखिका और अमेरिका की इमोरी यूनिवर्सिटी की जेनी लाविने ने कहा, 'बचपन में हुआ यह संक्रमण आयु बढ़ने पर गंभीर बीमारी से रक्षा करता है।' अध्ययन में कहा गया है कि भविष्य में सार्स-सीओवी-2 ऐसा संक्रमण बन सकता है, जिससे बच्चे तीन से पांच वर्ष तक की आयु में ही संक्रमित हो जाएंगे और ऐसा होने पर यह मामूली संक्रमण बन जाएगा।

रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी होगी

शोधकर्ताओं ने कहा, 'लोग बड़े होने पर भी इससे संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन बचपन में ही संक्रमित हो जाने के कारण उनमें इसके खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी होगी।' उन्होंने कहा कि वायरस का यह स्वरूप कितनी तेजी से बदलता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह कितनी तेजी से फैलता है और सार्स-सीओवी-2 रोधी टीके किस प्रकार से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं।

और मौसमी इन्फ्लूएंजा बन जाएगी महामारी

शोधकर्ताओं का यह नया मॉडल बताता है कि भले ही टीके संक्रमण के खिलाफ अल्पकालिक सुरक्षा प्रदान करते हैं लेकिन बीमारी की गंभीरता को कम करने में भविष्य में मदद जरूर करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मॉडल मानता है कि इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा) सार्स-सीओवी-2 वायरस पर भी ठीक वैसे ही काम करती है जैसे अन्य कोरोना वायरसों के खिलाफ काम करती है। उन्होंने कहा कि एक बार कोविड-19 के संक्रमण की रफ्तार लगभग स्थिर होने के बाद इसके घातक होने का खतरा मौसमी इन्फ्लूएंजा से भी कम हो जाएगा।