मां ज्वालप्पा की धरती पर लाखोचक पंचायत के लोगों को बेहतर सड़क व शुद्ध पेयजल के लाले
मां ज्वालप्पा स्थान की पावन धरती पर अपनी स्थापना के सात दशक बाद भी बेहतर सड़क व शुद्ध पेयजल की सुविधा के लिए यह पंचायत तरस रही है। पंचायत के बीचो-बीच से गुजरी मोरवे नदी इलाके के लोगों के लिए अभिशाप है।
चानन प्रखंड के पश्चिमी इलाके में लाखोचक पंचायत स्थित है। पटना-हावड़ा मेन लाइन से लेकर जंगल और पहाड़ों तक यह पंचायत फैली हुई है। मां ज्वालप्पा स्थान की पावन धरती पर अपनी स्थापना के सात दशक बाद भी बेहतर सड़क व शुद्ध पेयजल की सुविधा के लिए यह पंचायत तरस रही है। पंचायत के बीचो-बीच से गुजरी मोरवे नदी इलाके के लोगों के लिए अभिशाप के साथ-साथ वरदान भी साबित होती है। अभिशाप इस बात को लेकर कि मोरवे नदी एवं मानो रजवाहा पर जगह-जगह पुल-पुलिया नहीं रहने के कारण कई गांवों में आवागमन की सुविधा आज भी नहीं है, वहीं वरदान इस बात से कि मोरवे नदी के कारण लोगों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलता है। मोरवे नदी पर पुल के अभाव में एवं रामसीर से ज्वालप्पा स्थान, ङ्क्षसहचक गांव पंचायत सरकार भवन होते हुए मोहनपुर तक बेहतर सड़क नहीं है। इस पंचायत अंतर्गत जगदीशपुर, रामसीर, ङ्क्षसहचक, मोहनपुर, लाखोचक, सिंहचक बेलदरिया गांव है। लगभग 13 हजार की आबादी वाली पंचायत में 74 फीसदी लोग साक्षर हैं। इस पंचायत के अधिकांश लोग पशुपालन व कृषि के सहारे अपना जीवन-यापन करते हैं। कृषि कार्य के लिए वर्षों पूर्व सिंहचक व लाखोचक मौजा में लगे नलकूप बेकार पड़े हैं। कुछ इलाके में किसान प्रकृति पर ही निर्भर हैं। भौगोलिक स्थिति में पूरब- दैताबांध एवं बुधौली बनकर पंचायत, पश्चिम- किऊल-झाझा रेल खंड एवं खुटुपार पंचायत, उत्तर- किऊल-जमालपुर रेल खंड एवं अमरपुर पंचायत, दक्षिण- भूईका पहाड़ी एवं गोहरी पंचायत।
मां ज्वालप्पा स्थान मंदिर है प्रसिद्ध
पंचायत अंतर्गत मां ज्वालप्पा स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्रखंड के अति प्राचीन मंदिरों में शुमार है। ग्रामीण अरङ्क्षवद यादव ने बताया कि ज्वालप्पा की प्रतिमा निकट के ही पहाड़ी के पास दो सौ वर्ष पूर्व जल से प्रकट हुई थी। स्थानीय ग्रामीण उस समय से ही इसे चमत्कार के रूप में स्थापित करके पूजते आ रहे हैं। पूर्व में उक्त स्थल घने जंगल व पहाड़ी से घिरा था। वहां अब भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है। प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। खास कर यहां पशुपालकों एवं महिलाओं की भीड़ लगती। यहां एक इमली के पेड़ में पशुपालक अपने पशु के बच्चे नहीं होने पर रस्सी एवं महिलाएं अपनी संतान की प्राप्ति के लिए आंचल फाड़कर बांधते हैं और मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूरी होने पर जहां पशुपालक दूध का चढ़ावा करते हैं वही महिला अपने बच्चों का मुंडन संस्कार मंदिर परिसर में कराती हैं।
पंचायत में पेयजल की व्यवस्था बेहतर नहीं
पेयजल आपूर्ति और जल निकासी की व्यवस्था की बात करें तो इस पंचायत में दोनों की स्थिति ठीक नहीं है। पंचायत के 15 वार्डों में पीएचईडी विभाग द्वारा नलजल योजना का कार्य किया जा रहा है लेकिन कार्य संतोषजनक नहीं है। कई वार्डों में नलजल योजना शुरू होने से पूर्व ही पाइप लीक होने लगी है जिससे पानी हमेशा बहते रहता है। वार्ड संख्या नौ में जल निकासी की समस्या है। यहां की गलियों के पानी की निकासी मानो रजबाहा में होने से जल जमाव से निजात मिल सकती है। बीच में ग्रामीणों की निजी जमीन रहने के कारण बाधा उत्पन्न हो रही है। जल निकासी के लिए अधिकांश वार्डों में नाला का निर्माण कराया गया है लेकिन निकास का अभाव है।
सड़क सुविधाओं में फिफ्टी- फिफ्टी की स्थिति
सड़क सुविधाओं की चर्चा करें तो यहां इस मामले में फिफ्टी-फिफ्टी की स्थिति है। मुखिया द्वारा जहां काफी संख्या में पीसीसी सड़कों का निर्माण करा कर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं रामसीर से ङ्क्षसहचक गांव स्थित पंचायत सरकार भवन होते हुए मोहनपुर तक बेहतर सड़क के आभाव में लोग जंगली व पहाड़ी रास्ते ङ्क्षसहचक, मोहनपुर व लाखोचक गांव जाने को मजबूर होते हैं। उधर हमेशा खतरा बना रहता है। पुल-पुलिया की स्थिति संतोषजनक नहीं है। मुखिया द्वारा ङ्क्षसहचक गांव के पास पंचायत सरकार भवन जाने वाले रास्ते में मोरवे नदी पर पुल का निर्माण कराया गया है।
पंचायत में नहीं है पशु अस्पताल
पंचायत में पशु अस्पताल नहीं रहने से पशुपालकों को काफी परेशानी होती है। यहां के पशुपालक दस से बारह किलोमीटर दूर पशु अस्पताल मननपुर या सात से आठ किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय में अपने पशुओं का इलाज कराने को मजबूर हैं। यही कारण है कि यहां के झोलाछाप पशु चिकित्सकों की चांदी ही चांदी है। जबकि पंचायत के सिंहचक गांव में दूध उत्पादक सहयोग समिति गठित है। यहां से प्रति दिन 10-12 क्विवंटल दूध उत्पादन होता है।
पंचायत में स्ट्रीट लाइट का हाल बुरा
पंचायत के लोगों को स्ट्रीट लाइट की सुविधा का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है। पूर्व में चौक-चौराहौ पर पंचायत की योजना से स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। मुखिया द्वारा गांव की गलियों को जगमग करने के लिए स्ट्रीट लाइट की मांग लगातार प्रशासन से की जाती रही है, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। हालांकि मुखिया का दावा है कि उनके द्वारा लगातार इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है
शिक्षा का हाल
लाखोचक पंचायत में शिक्षा का हाल ठीक नहीं है। यहां शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा के साथ-साथ राजनीति हावी है। यहां सात प्राथमिक, तीन मध्य व एक प्लस टू विद्यालय स्थापित है। जबकि प्लस टू लाखोचक विद्यालय पंचायत क्षेत्र के रामसीर व जगदीशपुर गांव से चार-पांच किलोमीटर दूर है। इस कारण वहां के बच्चे माध्यमिक और प्लस टू शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। मध्य विद्यालय रामसीर को प्रोन्नति कर माध्यमिक का दर्जा दिए जाने से शिक्षा को बढावा मिल सकता है।
कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं
साफ-सफाई की दिशा में मुखिया द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसका असर है कि पंचायत में अधिकांश लोगों ने शौचालय बना लिया है। अब तक कूड़ा निस्तारण के लिए डस्टबिन नहीं मिल पाया है। इस कारण कूड़ा निस्तारण की समस्या बरकरार है। मुखिया द्वारा इसके लिए लगातार प्रखंड प्रशासन से आग्रह किया जा रहा है। पंचायत को खुले में शौच मुक्त कराने के लिए महादलित टोला ङ्क्षसहचक व रामसीर गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र नहीं
लाखोचक पंचायत में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। यहां के लोगों की ङ्क्षजदगी ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे कट रही है। आपात स्थिति में लोगों की जान चली जाती है। प्राथमिक इलाज के लिए भी ग्रामीणों को 13 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय लखीसराय स्थित सदर अस्पताल या पड़ोसी जिला जमुई 40 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। पंचायत क्षेत्र में तीन उप स्वास्थ केंद्र लाखोचक, ङ्क्षसहचक व रामसीर में है जहां भवन नहीं बना है। यहां केवल टीकाकरण के दौरान एएनएम आती हैं।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री हैं क्षेत्र के गौरव
लाखोचक पंचायत के सिंहचक पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव का पैतृक गांव है। वे इस गांव या पंचायत नहीं बल्कि पूर्व बिहार के गौरव हैं। ङ्क्षसहचक गांव निवासी जयप्रकाश नारायण यादव यूपीए की सरकार में केंद्रीय जलसंसाधन राज्य मंत्री रह चुके हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री, जल संसाधन राज्य मंत्री सहित कई पदों पर रहे। जयप्रकाश नारायण यादव किसान परिवार में जन्म लेने के बाद वह अपने ननिहाल जमुई जिले के बरहट में रहकर पढाई की। सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने के लिए उन्होंने राजनीति में रुचि ली और बिहार विधानसभा से लेकर लोकसभा तक का सफर तय किया।
पंचायत सरकार भवन का हाल
लाखोचक पंचायत अंतर्गत सिंहचक मौजा के मोरवे नदी के किनारे एक करोड़ से अधिक की लागत से दो मंजिला मॉडल पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्माण से पंचायत क्षेत्र के लोगों को समुचित लाभ मिल सकेगा।
मुखिया का दावा
हर गांव में पक्की सड़क व नाली निर्माण
पंचायत की मुखिया रीता कुमारी ने कहा कि पंचायत में 50 पीसीसी सड़क, 30 चापाकल, 12 नाला, 14 छोटे-छोटे आहार, 10 चेक डैम, 15 वार्ड में नल जल योजना, ङ्क्षसहचक बेलदरिया गांव में आवागमन के लिए मोरवे नदी पर बड़े पुल का निर्माण, 300 परिवारों को आवास की स्वीकृति, 1,156 लोगों को विधवा, दिव्यांग, वृद्धा पेंशन की स्वीकृति एवं 70 निजी शौचालय, 900 पशु शेड का निर्माण कराया गया। कोरोना काल में लोगों को साबुन और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया। लाखोचक व ङ्क्षसहचक गांव में सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद जल निकासी की समस्या दूर की गई। सबका सम्मान और सबका विकास उनका एजेंडा रहा है।
क्या कहते है ग्रामीण
शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रही पंचायत
पंचायत में पीसीसी सड़कों का जाल बिछाया गया है। इससे कभी सुविधा विहीन पंचायतों में शुमार यह पंचायत अब सुविधायुक्त मानी जाती है। मुखिया द्वारा विकास के लिए ईमानदार प्रयास किया गया है। वहीं पीएचईडी विभाग के द्वारा किए गए नलजल योजना का कार्य संतोषजनक नहीं है। अधिकांश जगहों पर पाइप से पानी लीक होकर बहते रहता है। उसे मरम्मत करने की जरूरत है।
प्रसिद्ध यादव, मोहनपुर
पंचायत विकास की पथ पर अग्रसर है। पीसीसी सड़क, तालाब, आहर, नाली आदि के क्षेत्र में काफी कार्य हुए हैं। इससे आवागमन के साथ ही जल जमाव से निजात मिली है। ङ्क्षसहचक गांव की वार्ड संख्या नौ में जल निकासी की समस्या दूर करने की जरूरत है। पीएचईडी विभाग ने नलजल योजना का कार्य आधे-अधूरे किया है। जहां काम हुआ भी है वहां पाइप से पानी बेकार बह रहा है।
ललन मोदी, सरपंच प्रतिनिधि
एक नजर में लाखोचक ग्रामपंचायत
पंचायत का नाम - लाखोचक
ऐतिहासिक स्थल - शक्तिपीठ मां ज्वालप्पा स्थान मंदिर, मोरवे नदी।
प्रमुख शख्सियत - पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, सेवानिवृत अभियंता शिवानंद सिंह
जनसंख्या- 13 हजार
मतदाता- 8,453
प्राथमिक विद्यालय - 07
मध्य विद्यालय - 03
उच्च विद्यालय - 01
साक्षरता दर - 74 फीसद
क्षेत्रफल- 08 वर्ग किलोमीटर
मुख्य रोजगार - कृषि व पशुपालन
मुख्य समस्या - सड़क व शुद्ध पेयजल।