मां सोनिया गांधी की सलाह पर प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में मनौती भी मांगेंगी प्रियंका वाड्रा

प्रयागराज दौरे पर गुरुवार को प्रियंका गांधी वाड्रा मनकामेश्वर मंदिर में मनौती भी मांगेंगी। खास बात तो यह है कि वह नंगे पांव बिना किसी प्रोटोकॉल के संगम के रेती पर अपने दोनों बेटों मीरान और रेहान के अलावा उनके दोस्तों संग पैदल भी चलेंगी।

मां सोनिया गांधी की सलाह पर प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में मनौती भी मांगेंगी प्रियंका वाड्रा

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को ऑक्सीजन देने के प्रयास में लगीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा अब धर्मनगरी प्रयागराज में मां तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सलाह पर अमल करेंगी।

प्रयागराज दौरे पर गुरुवार को प्रियंका गांधी वाड्रा मनकामेश्वर मंदिर में मनौती भी मांगेंगी। खास बात तो यह है कि वह नंगे पांव बिना किसी प्रोटोकॉल के संगम के रेती पर अपने दोनों बेटों मीरान और रेहान के अलावा उनके दोस्तों संग पैदल भी चलेंगी।

प्रियंका गांधी वाड्रा आज दिल्ली से प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट से काफिला के साथ झलवा, राजरूपपुर, धोबीघाट चौराहा होते आनंद भवन पहुंचेंगी। यहां प्रमुख पार्टी नेताओं से चर्चा कर संगम जाएंगी। मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी में उनकी डुबकी कांग्रेस को कितना सियासी फायदा पहुंचाएगी यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना तो तय है कि एजेंडा विधानसभा चुनाव 2022 ही है।

आनंद भवन से वह नैनी ओवरब्रिज होते हुए अरैल घाट पहुंचेंगी। फिर नाव में सवार होकर वह संगम में डुबकी लगाकर मनौती मांगेंगी। यहां से वह नाव से ही माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगी। तकरीबन तीन किलोमीटर वह नंगे पांव पैदल चलकर शंकराचार्य से मिलकर मनकामेश्वर मंदिर पहुंचेंगी। इसके पीछे यह भी वजह मानी जा रही है कि 2001 में जब सोनिया गांधी आईं थीं तो मनकामेश्वर में मनौती मांगीं थीं। इसी दौरान गुजरात दंगे के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी। कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी की सलाह पर प्रियंका गांधी वाड्रा मनकामेश्वर मंदिर में मनौती मांगेंगी। वह दोपहर बाद 2:40 बजे मंदिर पहुंच जाएगी। यहां वह पांच मिनट पूजा-अर्चना करेंगीं। इसके बाद वापसी करेंगी।

परनाना की विरासत देखने आएंगे बच्चे: प्रियंका अपने साथ बच्चों को भी लेकर आ रही हैं। साथ में उनके कुछ दोस्त भी आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बच्चों को लाने का मकसद केवल यह है कि वह करीब से मां के परनाना की पुश्तैनी विरासत को भी देख सकेंगे। इसके पहले भी राहुल और प्रियंका जब आनंद भवन आये थे, तब दोनों बच्चे आये थे। हालांकि, उस वक्त प्रियंका ज्यादा देर नहीं ठहरी थीं।