मोदी सरकार के राहत पैकेज से जानें किसको कितना होगा फायदा

मोदी सरकार के राहत पैकेज से जानें किसको कितना होगा फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए आठ बड़े राहत उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इनमें चार बिल्कुल नए हैं। वित्त मंत्री ने पहली और दूसरी लहर से प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये और दूसरे क्षेत्रों के लिए 60,000 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई। वहीं, कुल 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई।

छोटे कारोबारियों को विशेष राहत मुहैया कराते हुए 1.25 लाख रुपये तक का सस्ता कर्ज देने का ऐलान किया गया। इस पर बैंक एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लेंगे। इसके तहत देशभर के 25 लाख छोटे कारोबारियों को राहत देने की योजना है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार कर 31 मार्च 2022 तक करने का ऐलान किया गया। इसके तहत 15 हजार रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में केंद्र सरकार की ओर से 24 फीसदी अंशदान जमा कराने की योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई।

1. स्वास्थ्य सेवा में आएगा सुधार

वित्त मंत्री द्वारा हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये और अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपये राहत पैकेज की घोषणा पर हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इससे देश के स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह फंड काफी नहीं। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख अर्थशास्त्री, माधवी अरोड़ा के अनुसार, यह राहत पैकेज कोरोना से प्रभावित अहम क्षेत्रों को ध्यान में रखकर लाया गया है। हालांकि, यह लोन गारंटी के रूप में है न कि प्रत्यक्ष प्रोत्साहन पैकेज में।

2. लोन गारंटी योजना के विस्तार से एमएसएमई को राहत

इमरजेंसी क्रेडिट लोन गारंटी योजना की कुल सीमा 3 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपए किया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इकारो गारंटी के सीईओ, विकास खंडेलवाल ने कहा कि इस कदम से छोटे कारोबारियों को और विशेष रूप से एमएसएमई को बड़ी राहत मिलेगी। दूसरी लहर से उबरने में और उनको आसान लोन की जरूरत पूरा करने में क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (​ईसीएलजीएस) मदद देगी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। एमएसएमई और एमएफआई के लिए बढ़ी हुई क्रेडिट लाइन छोटे और असंगठित व्यवसायों के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी जो महामारी के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।

3. छोटे कारोबारियों को आसान होगी कर्ज की उपलब्धता

क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत छोटे कारोबारी, एनबीएफसी से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम छोटे कारोबारियों के बीच आसान कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चत करेगा। इससे उनको अपने कारोबार को फिर से खड़ा करने में मदद मिलेगी।

4. पर्यटन और आतिथ्य को बढ़वा मिलेगा

कोविड से प्रभावित पंजीकृत टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपये और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा। साथ ही सरकार पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस पर निवेश फर्म मिलवुड केन इंटरनेशनल के सीईओ निश भट्ट ने कहा कि पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र विदेशी मुद्रा देश में लाने का बड़ा स्रोत है। सरकार ने सही समय पर कदम उठाया है। इससे पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी जिससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे।

5. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से रोजगार बढ़ाने में मदद मिलगी

वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार कर 31 मार्च 2022 तक करने का ऐलान किया। इसके तहत 15 हजार रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफ में केंद्र सरकार की ओर से 24 फीसदी अंशदान जमा कराने की योजना मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई। इसके साथ ही कई दूसरी राहत भी मिलेगी। अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि यह एक बेहतर कदम है। इससे छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी लेकिन सरकार को प्रत्यक्ष रूप से राहत देने की जरूरत है। इससे अर्थव्यवस्था को जल्द पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।

6. किसानों की घटेगी लागत और आय बढ़ेगी

वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि देश के किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। इसमें 9125 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल डीएपी पर दी गई है। वहीं, 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके के लिए होगी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से किसानों की लगात घटेगी और आय बढ़ेगी।

7. गांव-गांव तक पहुंचेगी ब्रॉडबैंड

भारतनेट ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 19041 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम को बढ़ाकर 2025-26 की गई है। आईसीईए के अध्यक्ष, पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि पीएलआई योजना में विस्तार न केवल भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में वैश्विक मूल्य श्रृंखला के एक अभिन्न अंग के रूप में स्थापित करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगा, बल्कि इस वैश्विक और साथ ही भारतीय बाजारों को टैप करने के लिए विकासशील भारतीय चैंपियन कंपनियों का भी समर्थन करेगा। वैश्विक निवेशकों को महामारी के समय में सही संदेश भी भेजेगा।

8. बिजली की सेहत ठीक होगी

वित्त मंत्री ने बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। स्कीम के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर एलटी ओवरहेड लाइन लगाई जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बिजली कंपनियों की सेहत सुधारने और निर्वाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चत करने में मदद मिलेगी।