मुरादनगर श्मशान घाट हादसाः 24 मौतों के जिम्मेदार ठेकेदार की फर्मों का भुगतान निगम ने रोका

मुरादनगर श्मशान घाट हादसाः 24 मौतों के जिम्मेदार ठेकेदार की फर्मों का भुगतान निगम ने रोका

मुरादनगर श्मशान घाट में गलियारे की छत गिरने से हुई 24 मौतों के जिम्मेदार ठेकेदार अजय त्यागी पर नगर निगम ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नगर निगम के लेखा विभाग ने उसकी तीनों फर्म का करोड़ों का भुगतान फिलहाल रोक दिया है। वहीं निगम के इंजीनियर भी अकाउंट विभाग में भुगतान के लिए भेजी गई फाइलों को गुपचुप वापस मंगा रहे हैं।

भुगतान हो जाने के बाद अजय त्यागी की फर्म की ओर से कराए गए कार्यों में खामियां पाई गई तो संबंधित अवर अभियंताओं पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में वह भी चाह रहे हैं कि अभी भुगतान के लिए फाइलें न भेजी जाएं।

बीते एक साल में ठेकेदार अजय त्यागी की तीन फर्मों माही कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स, कृष्णा एसोसिएट्स और मैसर्स अजय त्यागी ने करीब 20 करोड़ से ज्यादा के काम किए हैं। निगम अधिकारियों के मुताबिक अभी करीब 7 से 8 करोड़ के कार्य निर्माणाधीन है। पूरे हो चुके निर्माण कार्य और अभी चल रहे निर्माण कार्यों के रनिंग पेमेंट के लिए अजय त्यागी की करोड़ों की फाइलें नगर निगम के अकाउंट विभाग में पहुंची हुई थीं। डीएम के निर्देश के बाद नगर निगम ने भी भुगतान की फाइलें रोक दी हैं।

अब अजय त्यागी की सभी फर्मों की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्यों की जांच कराई जाएगी। तब तक निगम अजय त्यागी की फर्म को भुगतान नहीं करेगा। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने भी तीनों फर्मों की ओर से बीते एक साल में पूरे किए गए और वर्तमान समय में जारी सभी कार्यों की जांच करने के निर्देश निर्माण विभाग को दिए हैं। उन्होंने चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन खान से रिपोर्ट मांगी है।

मेजरमेंट बुक बनाने वाले अवर अभियंताओं में भी मची है खलबली
किसी भी निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद क्षेत्र के अवर अभियंता (जेई) उस कार्य की मेजरमेंट बुक (एमबी) तैयार करते हैं। इस एमबी में निर्माण कार्य का पूरा ब्योरा, पैमाइश, प्रस्ताव के मुताबिक कार्य होने या न होने की डिटेल रहती है। इसी के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। ऐसे में अगर अजय त्यागी की फर्म की ओर से किए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता खराब पाई गई और अवर अभियंताओं ने एमबी में सही दर्शाया होगा तो इन अवर अभियंताओं पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में अब नगर निगम में हड़कंप मचा है और फाइलों को भुगतान होने से पहले ही वापस मंगाया जा रहा है।