रेमेडेसिविर कालाबाजारी की जांच SIT से कराने की तैयारी, झारखंड HC ने निगरानी में लगे अफसर को हटाने पर जताई थी नाराजगी

रेमेडेसिविर कालाबाजारी की जांच SIT से कराने की तैयारी, झारखंड HC ने निगरानी में लगे अफसर को हटाने पर जताई थी नाराजगी

रांची में रेमेडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में पुलिस मुख्यालय के स्तर से एसआईटी गठित कर जांच करायी जाएगी। गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की मॉनिटरिंग कर रहे तत्कालीन एडीजी सीआईडी अनिल पालटा को हटाए जाने को लेकर नाराजगी जतायी थी। एसआईटी का प्रमुख रेल एडीजी अनिल पालटा को बनाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा एसआईटी गठित कर मामले की जानकारी हाईकोर्ट को दी जाएगी।

गौरतलब है कि एक स्टिंग के बाद रांची पुलिस ने रेमेडेसिविर की कालाबाजारी में राजीव कुमार सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। मामले में कोतवाली थाने में दर्ज कांड को सीआईडी ने टेकओवर किया था। केस का अनुसंधान डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं, जबकि सीआईडी एडीजी रहते हुए अनिल पालटा केस की मॉनिटरिंग कर रहे थे।

निचली अदालत ने भी अनुसंधान पर उठाए हैं सवाल
मामले में अबतक के अनुसंधान पर निचली अदालत ने भी कड़ी टिप्पणी की है। निचली अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि केस में तीन लोगों की भूमिका आयी है, लेकिन सीआईडी का रुख तीनों के खिलाफ काफी अलग अलग है। गौरतलब है कि कालाबाजारी के केस में सीआईडी ने राजीव कुमार सिंह को जेल भेजा था, वहीं इसी कांड में सृष्टि अस्पताल से जुड़े मुकेश कुमार व दवा कारोबारी राकेश रंजन की भी भूमिका आयी थी। लेकिन दोनों में से सीआईडी ने राकेश रंजन का बयान 161 के तहत दर्ज कराया था। 

मामले की सीबीआई से कराई जा सकती है जांच : हाईकोर्ट
रेमडेसिवीर की कालाबाजारी की जांच कर रही सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा के तबादले पर झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और मौखिक कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच प्रभावित करने के लिए ही तबादला किया गया है। सरकार की मंशा जांच को प्रभावित करने जैसा प्रतीत होती है। सरकार को यह जानकारी है कि कालाबाजारी मामले की हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कर रहा है। ऐसे में बिना कोर्ट की अनुमति के उनका तबदला करने की जल्दी क्यों दिखायी गयी। सरकार के रवैये को देखते हुए इस मामले की सीबीआई जांच करायी जा सकती है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने सरकार को सोमवार तक इस मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश  दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार के जवाब के बाद कोर्ट उचित निर्णय लेगी।