लॉकडाउन में छूटी नौकरी तो शुरू किया अपना स्टार्टअप, 13 लड़कियों की टीम के साथ डिजिटल मार्केटिंग में बनाया अलग मुकाम

लॉकडाउन में छूटी नौकरी तो शुरू किया अपना स्टार्टअप, 13 लड़कियों की टीम के साथ डिजिटल मार्केटिंग में बनाया अलग मुकाम

अच्छी जगह से पढ़ाई और ऊंची डिग्री लेने के बाद बेंगलुरू, पुणे, दिल्ली जैसी जगहों पर मल्टीनेशनल कंपनी में अपनी काबिलियत के बल पर मुकाम बनाने वाली जिले की वर्षा के सपनों को जैसे पंख लग गए थे। ऊंची उड़ान के इस सपनों पर लॉकडाउन की मार पड़ी तो पहले सैलरी और फिर नौकरी पर आफत आ गई। 

अच्छे पोजिशन पर रहने के बाद भी सैलरी नहीं मिलने की हताशा उसे घेरने लगी थी और दुखद पहलू यह कि छंटनी में लड़कियों का ही नंबर पहले आ रहा था। नौकरी छूटने के बाद उसने पूरी हिम्मत साथ अपनी कंपनी खड़ी की और अब दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं।

वर्षा ने अपना स्टार्टअप शुरू किया और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में अपनी कंपनी शुरू की। खास यह कि वर्षा ने अपने साथ कई लड़कियों की टीम बनाई। दिल्ली में महज कुछ दिनों में ही अपनी मेहनत से अलग मुकाम बनाने वाली वर्षा कहती हैं कि लॉकडाउन में सबसे पहले लड़कियों की नौकरी पर आफत आती है। 

ऐसे में सबका अनुभव और मेहनत मिलकर इस सफलता को गढ़ रहा है। कहा कि कई महीने की हताशा के बाद तय किया कि अपनी काबिलियत अब दूसरों के लिए नहीं, खुद के लिए लगाऊंगी। यहीं से उसने अपना नया सफर शुरू किया।

लड़कियों को अब भी नहीं मिलता क्रेडिट 
वर्षा 13 लड़कियों की टीम के साथ अपनी कंपनी खड़ी कर लगातार आगे बढ़ रही हैं। छाता बाजार निवासी राकेश जायसवाल और ऊषा की यह प्रतिभावान बेटी कहती हैं कि ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई मैंने मुजफ्फरपुर से ही की। काबिलियत के बल पर यहां तक पहुंची, लेकिन बात जब लॉकडाउन में छंटनी की आयी तो लड़कियों को पहले टारगेट किया गया। कहा कि लड़कियों को अब भी क्रेडिट नहीं दिया जाता। यही वजह है कि मैंने अपनी टीम में अधिकतर लड़कियों को चुना है। अभी के समय के हिसाब से हमने डिजिटल मार्केंटिंग की कंपनी बनाई है जो सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराती है।