संसद में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करेगा विपक्ष, भविष्य की रणनीति बनाने के लिए आज बैठक
राज्यसभा में अशोभनीय आचरण करने वाले विपक्षी सदस्यों के खिलाफ सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की मांग के मद्देनजर विपक्षी पार्टियों के नेता भविष्य की रणनीति बनाने के लिए आज संसद भवन में मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बैठक करेंगे।
विपक्षी दलों के सांसद आज संसद में महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने राज्यसभा में महिला सदस्यों के साथ कथित धक्कामुक्की के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध प्रदर्शन से पहले, भविष्य की रणनीति बनाने और बुधवार को राज्यसभा में हुई घटनाओं पर चर्चा करने के लिए दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेता राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सदन भवन स्थित कक्ष में सुबह 10 बजे बैठक करेंगे।
राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सदन में हुई घटनाओं को लेकर सरकार पर आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो। पवार ने कहा कि सांसदों को नियंत्रित करने के लिए 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह एक हमला है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और डेरेक ओ ब्रायन सहित कई अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी सरकार पर हमला बोला। खड़गे ने भी आरोप लगाया कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। सरकार ने उनके आरोप को सत्य से परे बताते हुए खारिज कर दिया है। खड़गे ने कहा कि राज्यसभा में सरकार का व्यवहार अनुचित था। यह निर्णय लिया गया कि विधेयक पर कल चर्चा की जाएगी और आज हम ओबीसी आरक्षण विधेयक पर ध्यान केंद्रित करेंगे और संविधान संशोधन विधेयक पारित करेंगे। दुर्भाग्य से उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और उन्होंने इसे स्थानांतरित कर दिया।
वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात करती है, लेकिन महिलाओं की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसदों के साथ मारपीट की गई। चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह से महिला सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और सांसदों के साथ गुंडों की तरह व्यवहार किया गया, उन्हें धक्का दिया गया और उन्हें चुप रहने की धमकी दी, शर्मनाक है। मैं संसद में लोगों की आवाज उठाने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन सरकार ने उसे भी कुचलने की कोशिश की।
बता दें कि विपक्ष ने बुधवार को राज्यसभा में सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 का विपक्ष ने जोरदा विरोध किया। विपक्ष का कहना है कि बीमा विधेयक कई लोगों की नौकरियां छीन लेगा और बेरोजगारी बढ़ाएगा। विधेयक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया था। विरोध करने वाले विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आकर विरोध जताने लगे। उन्होंने सरकार पर संसदीय मानदंडों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। संसद के ऊपरी सदन के निर्धारित समापन से दो दिन पहले बुधवार को राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा को दिन में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।