संसद में दो सप्ताह से जारी गतिरोध खत्म होने के आसार कम, विपक्ष ने दिया पेगासस पर चर्चा के लिए नोटिस
पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा मचा हुआ है। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही पिछले दो सप्ताह में कई बार बाधित हुई है। फिलहाल इस गतिरोध के टूटने के आसार भी कम ही दिखाई दे रहे हैं।
पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से संसद का मानसून सत्र दो सप्ताह से काफी प्रभावित हुआ है। इसको देखते हुए इस सत्र को समय से पहले ही खत्म करने पर भी सरकार विचार कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार बहस से भाग रही है। विपक्ष ने कहा है कि वो सरकार के इस प्रस्ताव पुरजोर विरोध करेगी। इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार दोनों ही आमने सामने हैं। दोंनों ही सदनों में इस मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है।
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- कांग्रेस के सांसद ने मनीष तिवारी ने पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा के लिए सदन में नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि ये एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर चर्चा जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने इसका उपयोग पत्रकारों, सिविल सोसायटी एक्टिविस्ट, राजनेताओं और सुप्रीम कोर्ट के जजों की जासूसी के लिए किया है।
- इसी तरह का एक और नोटिस कांग्रेस के ही सांसद मनिकम टैगोर ने भी लोकसभा में दिया है। उन्होंने मांग की है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बहस की जानी चाहिए।
- राज्य सभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सीपीआईएम के सांसद इलमराम करीब ने नोटिस दिया है। उन्होंने इस संबंध में नियम 267 का हवाला देते हुए कहा है कि पेगासस पर चर्चा की जानी चाहिए।
- पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की रणनीति को लेकर सभी विपक्षी पार्टियों की एक बैठक भी हुई है। इसमें इस बारे में विचार विमर्श किया गया है।
- कांग्रेसी सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये सरकार के हाथ में है कि वो सदन को चलने देना चाहती है या नहीं। सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है। यदि पेगासस पर चर्चा होती है तो उसकी छवि खराब हो जाएगी। वो केवल इस पर बहस के लिए कह ही रही है, लेकिन इससे भाग रही है।
सुलह के आसार कम
सरकार और विपक्ष के बीच सुलह की कोशिश भी अब कम होती जा रही हैं। विपक्ष जहां इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है वहीं सरकार इसको गैरजरूरी बता रहा है। सरकार का आरोप है कि विपक्ष का ये एक राजनीतिक एजेंडा है। इसलिए जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार बहस के लिए तैयार है।
आठ विधेयक हो चुके हैं पास
आपको बता दें कि सरकार इस दौरान आठ विधेयकों को बिना चर्चा के पारित करा चुकी है। इनमें से पांच लोकसभा में और तीन राज्य सभा में पास करवाए गए हैं। वहीं सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को पूरा करने की तरफ कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिल्ली आने के बाद से ही सदन में सरकार और विपक्ष के बीच धमासान में तेजी आई है
विपक्ष का ये है कहना
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यदि सरकार पेगासस पर चर्चा के लिए तैयार हो जाती है तो उसी वक्त गतिरोध भी खत्म हो जाएगा। सरकार को इस संंबंध में केवल विपक्ष के दो सवालों का ही जवाब देना है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्य सभा के सभापति को पत्र लिखकर कहा है कि विपक्ष को अपनी बात रखने का एक मौका दिया जाना चाहिए।