अन्नपूर्णा देवी को आगे कर ओबीसी कार्ड खेलेगी भाजपा, झारखंड में जन आशीर्वाद यात्रा के हैं राजनीतिक मायने
Annapurna Devi Yadav BJP Jharkhand झारखंड प्रदेश भाजपा ने अब तक किसी भी केंद्रीय मंत्री के लिए यात्रा का आयोजन नहीं किया है। अन्नपूर्णा देवी ओबीसी के साथ-साथ आधी आबादी का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। जन आशीर्वाद यात्रा 16 अगस्त को शुरू होगी।
सामान्य तौर पर जातिगत राजनीति से दूरी बनाने वाली भाजपा ने भी अब झारखंड में केंद्रीय राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी को आगे कर ओबीसी कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। अन्नपूर्णा देवी की जन आशीर्वाद यात्रा और नौ जिलों में उनके भव्य स्वागत की तैयारी कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है। कोडरमा, हजारीबाग, रांची, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो समेत ये सभी ऐसे जिले हैं, जहां ओबीसी आबादी अधिक है। बता दें कि झारखंड में अब तक भाजपा के किसी भी केंद्रीय मंत्री के लिए यात्रा नहीं निकाली गई है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा तो पहले ही कैबिनेट के विस्तार में शामिल किए गए थे, लेकिन तब भी ऐसा नहीं किया गया।
अन्नपूर्णा देवी के झारखंड में स्वागत, सत्कार और ओबीसी बिल पास होने के लिए केंद्र सरकार को जताए जाने वाले आभार के यही मायने हैं। अन्नपूर्णा देवी ओबीसी के साथ-साथ आधी आबादी का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। जाहिर है, भाजपा प्रदेश में उन्हें आगे कर कई निशाने साध रही हैं। भाजपा ने इसे रणनीतिक तौर पर प्रचारित किया है कि ओबीसी समाज की महिला और कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान देकर केंद्र सरकार ने झारखंड प्रदेश के पिछड़े समाज को बड़ा स्थान देने का काम किया है।
16 से शुरू होगी अन्नपूर्णा देवी की जन आशीर्वाद यात्रा
राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी की जन आशीर्वाद यात्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन करने के साथ ही कोडरमा से 16 अगस्त को शुरू होगी। वे बरही, पदमा, इचाक होते हुए वे शाम को हजारीबाग पहुचेंगी। 17 अगस्त को चरही, मांडू, कुजू, रामगढ़, ओरमांझी, मेसरा होते हुए शाम चार बजे रांची प्रदेश कार्यालय पहुचेंगी, जहां प्रदेश भाजपा की ओर से उनका स्वागत किया जाएगा। 18 अगस्त को अन्नपूर्णा रांची से गोला, पेटरवार, बोकारो नया मोड़, चास मोड़, कतरास होते हुए बैंक मोड़ धनबाद पहुचेंगी। जबकि जन आशीर्वाद यात्रा के अंतिम दिन 19 अगस्त को वे धनबाद से गिरिडीह के लिए प्रस्थान करेंगी।
रणनीतिक मोर्चे पर सत्तारूढ़ गठबंधन से दो-दो हाथ
ओबीसी कार्ड खेलकर भाजपा झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन को रणनीतिक मोर्चे पर मात देना चाहती है। गठबंधन की पैठ का दायरा बड़ा है। जनजातीय समुदाय के अलावा अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों ने पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। ओबीसी बहुल सीटों पर भाजपा ने गठबंधन को टक्कर दी। अब भाजपा रणनीतिक तौर पर ओबीसी नेतृत्व को उभारकर अपने आधार को और मजबूत करना चाहती है। भाजपा को इसका फायदा पड़ोसी राज्य बिहार में भी मिलेगा।