एनपीएस के बदले नियम, निकासी में राहत और प्रवेश की आयु में बदलाव
पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने पेंशन कोष यानी एनपीएस से निकासी और उसमें निवेश की शुरुआत को लेकर एक बड़ी राहत दी है। पीएफआरडीए ने एनपीएस की राशि पांच लाख रुपये से कम होने की स्थिति में अंशधारकों को बिना कोई पेंशन प्लान (एन्यूटी) खरीदे समूची राशि निकालने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा नियामक ने समय पूर्व निकासी सीमा को भी बढ़ाया है और एनपीएस में निवेश शुरू करने अधिकतम उम्र सीमा सहित कई अन्य बदलाव किए हैं।
क्या है मौजूदा नियम
वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के सदस्यों को सेवानिवृति के समय अथवा 60 साल की आयु पूरी होने पर दो लाख रुपये का पेंशन कोष होने की स्थिति में बीमा कंपनियों द्वारा पेश की जाने वाली पेंशन योजना (एन्यूटी) को खरीदना होता है, जिसके आधार पर उन्हें पेंशन मिलती है। जबकि शेष 60 प्रतिशत राशि की निकासी की छूट होती है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि इससे जमाकर्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
समय पूर्व निकासी सीमा ढाई गुना बढाई
कोरोना संकट में वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए पेंशन नियामक ने एक और बड़ी राहत दी है। इसके तहत एनपीएस से समय पूर्व निकासी सीमा को ढाई गुना बढ़ा दिया गया है। पीएफआरडीए की अधिसूचना में कहा है एनपीएस के तहत समय पूर्व निकासी सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट में वित्तीय मुश्किलों को देखते हुए समय पूर्व निकासी सीमा में वृद्धि एक बड़ी राहत देने वाला फैसला है।
अधिक उम्र में निवेश शुरू करने का विकल्पपीएफआरडीए एक और बड़ी राहत दी है। इसके तहत निवेश शुरू करने की अधिकतम उम्र सीमा को भी पांच साल बढ़ा दिया गया है। नियामक ने एनपीएस में प्रवेश करने की अधिकतम आयु को भी 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दिया है जबकि बाहर निकलने की आयु सीमा को 75 साल कर दिया गया है। इसके पहले एनपीएस से बाहर निकलने की उम्र 70 साल थी।