जम्मू कश्मीर के साथ आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में भी कराई जाए 'परिसीमन', कांग्रेस ने किया केंद्र से आग्रह
तेलंगाना कांंग्रेस नेता मार्री शशिधर रेड्डी ने गुरुवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जम्मू कश्मीर के साथ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों का भी परिसीमन किया जाए। रेड्डी ने बतायापरिसीमन की प्रक्रिया 5 अगस्त 2019 के बाद अनुच्छेद 170 के प्राविधानों के तहत किया जाएगा।
तेलंगाना कांंग्रेस नेता मार्री शशिधर रेड्डी (Marri Shashidhar Reddy) ने गुरुवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जम्मू कश्मीर के साथ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों का भी परिसीमन (delimitation of constituencies) किया जाए।
एएनआइ से बात करते हुए रेड्डी ने बताया,'परिसीमन की प्रक्रिया 5 अगस्त 2019 के बाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 170 के प्राविधानों के तहत किया जाएगा। इससे पहले निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन जम्मू कश्मीर के राज्य संविधान का विषय था।' बता दें कि 6 जुलाई से 9 जुलाई तक परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को इस संदर्भ में पेश करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, '2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (Andhra Pradesh Reorganization Act) के तहत दोनों तेलुगु भाषी राज्यों को विधानसभा क्षेत्रों को बढुाने का अधिकार दे दिया गया। तेलंगाना में 119 से बढ़कर विधानसभा सीटों की संख्या 153 हो गई वहीं आंध्र में 175 से बढ़कर 225 सीट हो गए और ये संविधान के अनुच्छेद 170 के प्राविधानों के अंतर्गत आता है।' '
क्षेत्र में बदलाव के साथ परिसीमन जरूरी
राज्य या क्षेत्र में जनसंख्या व अन्य कारणों से बदलाव होता है और इसलिए प्रतिनिधित्व को सुनियोजित करने के क्रम में परिसीमन की प्रक्रिया आवश्यक है। परिसीमन के तहत जनसंख्या के हिसाब से विधानसभा क्षेत्रों का उपयुक्त तरीके से विभाजन के साथ आरक्षित सीटों का निर्धारण होता है। क्षेत्रफल, जनसंख्या, भोगोलिक और राजनीतिक स्थिति,संचार सुविधा और समसामयिक कारणों के आधार पर इस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।