बदनाम राजस्‍व विभाग की छवि सुधारेंगे मंत्री रामसूरत राय, अपने वेतन से बांटेंगे इनाम

मंत्री मानते है कि भ्रष्‍टाचार के कारण उनके विभाग की छवि खराब है। राज्‍य के प्रत्‍येक नागरिक को इस विभाग से काम पड़ता है। इसलिए छवि सुधारने की जरूरत है। इसके लिए वे अपने वेतन से अच्‍छा काम करनेवाले अधिकारियों को 11-11 हजार रुपये का इनाम बांटेंगे।

बदनाम राजस्‍व विभाग की छवि सुधारेंगे मंत्री रामसूरत राय, अपने वेतन से बांटेंगे इनाम

काम के बदले कुछ लेने की प्रवृति के चलते बदनाम मंत्रियों (disgraces Minister) के सामने भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय (Land and Revenue Minister Ram Surat Rai)  ने अच्छी नजीर (example) पेश की है। वे हर साल अपने वेतन (salary) का एक हिस्सा उन अधिकारियों के बीच ईनाम के तौर पर बांटेंगे, जो बेहतर काम करते हैं। समय पर लक्ष्य हासिल (achieve goal in time ) कर लेते हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है। दो महीना पहले उन्होंने कर्मचारी, डीसीएलआर और सीओ को अपने वेतन से ईनाम दिया भी था। मंत्री के मुताबिक कामकाज को लेकर भूमि एवं राजस्‍व विभाग की छवि खराब है। इसे सुधारना जरूरी है। वे मानते हैं कि हाल के दिनों में छवि सुधरी है। इसमें और सुधार की जरूरत है।

सुधारेंगे विभाग की छवि

मालूम हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज की हर महीने रैंकिंग होती है। कर्मचारी से लेकर एडिशनल कलक्टर तक के कामकाज का मूल्यांकन होता है। इसमें बेहतर और खराब काम करने वाले तीन-तीन कर्मियों का चयन होता है। इनाम की रकम इन्हीं के बीच बंटेगी। मंत्री ने पहले कहा था कि बेहतर काम करने वाले कर्मियों को ईनाम के तौर पर 11 हजार रुपये दिए जाएंगे। लेकिन, उन्होंने साल भर में अपने वेतन से सिर्फ एक लाख 11 हजार रुपया देने की घोषणा की है। इस रकम से सभी कर्मियों को 11-11 हजार रुपये नहीं दिए जा सकते हैं। मंत्री ने कहा कि वे रकम बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा-हमारी चिंता विभाग की छवि को लेकर है। महत्वपूर्ण विभाग है। राज्य के हरेक नागरिक को इस विभाग से काम पड़ता है।

पिछले साल हुई थी बदनामी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हमेशा चर्चा में रहा है। पिछले साल विभाग की भारी बदनामी हुई थी। तत्कालीन मंत्री राम नारायण मंडल (Minister Ram Narayan Mandal)  ने बड़े पैमाने पर अंचलाधिकारियों का तबादला किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)  को तबादले में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। उनके आदेश पर तबादला रूका। नए सिरे से इसे दोबारा जारी किया गया। मंडल विधानसभा चुनाव (assembly election) तो जीत गए, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है।