बिहार विधानसभा में चिराग पासवान व पशुपति पारस को आखिरी झटका, विधानसभा अध्यक्ष ने लिया लोजपा का नाम
Monsoon Session of Bihar Legislature बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के पहले ही दिन लोजपा का नाम गूंजा। बिहार के प्रमुख राजनीतिक पार्टी लोजपा आजकल चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच मतभेदों के बाद टूट के कगार पर है।
बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के पहले ही दिन लोजपा का नाम गूंजा। यह तब जब लोजपा का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं है। यूं तो लोजपा का कोई नेता अब बिहार विधान परिषद में भी नहीं है। दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लोजपा के एक मात्र प्रत्याशी राज कुमार सिंह को जीत मिली थी। पिछले अप्रैल महीने में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का दामन थाम लिया। इसके साथ ही बिहार विधानसभा में लोजपा विधायक दल का जदयू में विलय हो गया। इसकी अधिसूचना विधानसभा ने अप्रैल में ही जारी कर दी थी, लेकिन उसके बाद कोई सत्र नहीं बुलाए जाने के कारण इसका एलान सदन में नहीं हो सका था। सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष राज कुमार सिंह ने इसकी औपचारिक जानकारी सदन को दी।
सत्र के पहले ही दिन तेजस्वी को डपट दिया
सत्र के पहले ही दिन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा काफी तल्ख अंदाज में दिखे। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कि भाकपा (माले) के सत्यदेव राम तेज आवाज में एक पुराने मसले की चर्चा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें तुंरत बिठा दिया। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी सीट से उठे और कहा कि वे दो प्रस्ताव रखना चाहते हैं। जैसे ही तेजस्वी खड़े हुए कि उनके समर्थन में एक दूसरे विधायक उठ खड़े हुए और तेज आवाज में बोलने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें डपटते हुए कहा कि ये क्या है? क्या नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रखने में सक्षम नहीं हैं? इन्हें अपनी बात रखने के लिए सपोर्ट की जरूरत है क्या? उन्हें तुरंत बिठा दिया गया। अध्यक्ष ने कहा कि कार्यवाही के दौरान टोका-टाकी के बीच कहा कि सदन की गरिमा गिराने वाले को आसन बर्दाश्त नहीं करेगा। वैसे उन्होंने विधानसभा सदस्यों को सावन की शुभकामनाएं भी दीं। कई तरह की नसीहतें भी पहले ही दिन दे डालीं।
राजकुमार को जदयू सदस्य के रूप में मान्यता
बेगूसराय के मटिहानी से लोजपा के टिकट पर चुनाव जीते राजकुमार सिंह को जदयू सदस्य के रूप में मान्यता दिए जाने की सूचना भी विधानसभा अध्यक्ष ने पढ़ी। इसी वर्ष अप्रैल में वह लोजपा को छोड़ जदयू में शामिल हो गए थे। चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच बंट चुकी लोजपा के पास अब बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में न तो कोई विधायक है और न ही कोई विधान पार्षद।