रूपेश हत्‍याकांड में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ, जांच में लगे 60 पुलिस वाले

रूपेश के कातिल को नहीं ढूंढ पा रही 60 सदस्यीय एसआइटी छह दिन गुजरे नहीं सुलझी हत्याकांड की गुत्थी शूटर और लाइनर की तलाश में जुटी है एसटीआइटी अब तक दो सौ से अधिक लोगों से पूछताछ कई हिरासत में

रूपेश हत्‍याकांड में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ, जांच में लगे 60 पुलिस वाले

इंडिगो एयरलाइंस के पटना एयरपोर्ट हेड रूपेश कुमार सिंह (Murder of Indigo Airlines Officer Rupesh Kumar Singh) की हत्या को छह दिन गुजर चुके हैं। मामले के पर्दाफाश के लिए गठित 60 सदस्यीय एसआइटी खाली हाथ है। शूटर और लाइनर को दबोचने के लिए एसआइटी पदाधिकारी और जवान हर सूचना की जांच में जुटे हैं। लेकिन अभी तक वे हत्या की असली वजह तक का पता नहीं कर पाए हैं। जांच और पूछताछ के बीच रूपेश हत्याकांड की गुत्थी उलझी है।  

आइजी रेंज से लेकर एसएसपी भी मामले में कुछ भी बताने से बच रहे हैं। अब तक एसआइटी दो सौ से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर दबिश दी गई है। हत्याकांड का पर्दाफाश करने में कितना समय लगेगा, इस पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जांच सही दिशा में चल रही है और जल्द ही करेंगे पर्दाफाश, यह बात करने वाली एसआइटी दो दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर चुकी है।

50 से अधिक नंबरों का डिटेल खंगाला

एसआइटी में पटना पुलिस के साथ सीआइडी, एसटीएफ, डायल 100 की टीमें भी हैं। 60 पुलिस पदाधिकारियों के साथ तेज-तर्रार जवानों की टीमें बनाई गई हैं। एसएसपी, तीनों सिटी एसपी और दो डीएसपी नेतृत्व कर रहे हैं। पुलिस मामले में 50 से अधिक मोबाइल नंबर डिटेल खंगाल चुकी है। डंप डाटा के जरिए एक दर्जन संदिग्ध मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल निकालने के बाद सत्यापन भी किया जा चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि लाइनर से शूटर संपर्क में जरूर थे, हालांकि या तो उन्होंने वाट्सएप कॉल का इस्तेमाल किया या फिर फोन का इस्तेमाल किया ही नहीं।

कई संदिग्ध से हो चुकी पूछताछ

एसआइटी ने शनिवार की देर शाम कंकड़बाग, राजाबाजार, पुनाईचक, एयरपोर्ट और दीघा थाना क्षेत्र में दबिश देकर नौ संदिग्धों से पूछताछ की। दो को छोड़ अन्य सभी को छोड़ दिया गया। इन दोनों से पूछताछ के बाद कुछ लोगों पर पुलिस को संदेह है, ये वारदात के बाद से पटना में नहीं है। एक विभाग से भी एसआइटी को कुछ अहम सूचना मिली है, लेकिन ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिससे एसआइटी एक्शन ले। ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।