10 करोड़ की बीमा पॉलिसी हड़पने का प्रयास: बैंक के पूर्व कर्मी ही निकले मास्टरमांइड, यहां से निकाली थीं सारी डिटेल

आरोपियों ने व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया और अप्रैल में कोरोना संक्रमण से मौत दर्शायी। शमशान घाट से अंतिम संस्कार की रसीद भी बनवाई गई। यहां तक कि सेक्टर-10 स्वास्थ्य विभाग की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी फर्जी बनवा लिया गया।

10 करोड़ की बीमा पॉलिसी हड़पने का प्रयास: बैंक के पूर्व कर्मी ही निकले मास्टरमांइड, यहां से निकाली थीं सारी डिटेल

विस्तार
जीवित व्यक्ति को कागजों में मृत दर्शाकर 10 करोड़ की बीमा पॉलिसी की धनराशि हड़पने के प्रयास के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।  मुख्य आरोपी रजनीकांत कुमार और दुर्गेश दुबे पहले बीमा कंपनी में ही क्लेम डिपार्टमेंट के कर्मी रहे हैं। वहीं तीसरा आरोपी नवल किशोर एचडीएफसी बैंक का पूर्व कर्मी है। 


आरोपियों ने व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया और अप्रैल में कोरोना संक्रमण से मौत दर्शायी। शमशान घाट से अंतिम संस्कार की रसीद भी बनवाई गई। यहां तक कि सेक्टर-10 स्वास्थ्य विभाग की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी फर्जी बनवा लिया गया। पीड़ित परिवार के घर पर जब बीमा कंपनी का कर्मचारी सर्वे करने पहुंचा तो मामले की जानकारी हुई। इसके बाद पीड़ितों ने सेक्टर-29 थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।


मानव रचना विश्वविद्यालय के मालिक डॉ. प्रशांत भल्ला ने अपनी 10 करोड़ की बीमा पॉलिसी कराई थी। उनकी पत्नी दीपिका भल्ला ने 21 जून को पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस शिकायत में बताया था कि उनके पीएनबी मेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में दस करोड़ की पॉलिसी को हड़पने के लिए उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया गया है। एचडीएफसी बैंक में बीमा की राशि को ट्रांसफर कराने के लिए उनकी पत्नी के नाम से फर्जी खाता भी खोल लिया गया है।

मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने दस दिन में अलग-अलग एंगल से जांच की। बृहस्पतिवार को अपराध शाखा पालम विहार पुलिस ने दिल्ली के समालखा निवासी नीतिश कुमार, जयपुर निवासी रजनीकांत कुमार, दिल्ली के बिजवासन निवासी दुर्गेश व यूपी के गोरखपुर निवासी नवल किशोर को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश  कर पांच दिन की रिमांड पर ले लिया है।
बीमा पॉलिसी से ही निकाल ली थीं सारी डिटेल
बीमा कंपनी के दो पूर्व कर्मियों ने डॉ. भल्ला की सारी डिटेल उनकी पॉलिसी से ही निकाली थीं। आरोपी कंपनी की साइट को खोलना और डाटा चुराने में माहिर है। चार आरोपियों में से रजनीकांत व दुर्गेश पीएनबी मेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट में कई वर्षों तक काम कर चुके हैं। कुछ माह पहले जब कंपनी के डाटा को खंगालते हुए इन्हें पता चला कि डॉ. प्रशांत भल्ला ने दस करोड़ की इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है तो इन्होंने हड़पने की साजिश रची। भल्ला की सारी डिटेल पॉलिसी निकाले के बाद अपने एक अन्य साथी नीतिश के साथ मिलकर फर्जी तरीके से डॉ. भल्ला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और अन्य दस्तावेज भी जुटाए।

इसके बाद डॉ. भल्ला की दस करोड़ की पॉलिसी को उनकी पत्नी के नाम से पाने के लिए क्लेम कर दिया। नवल ने फर्जी दस्तावेज पर भी डॉ. भल्ला की पत्नी दीपिका भल्ला के नाम से खाता खोल दिया। आरोपियों ने क्लेम के लिए आवेदन किया तो डॉ. भल्ला व उनकी पत्नी को इसकी जानकारी हो गई। इसके बाद पति-पत्नी की शिकायत पर साजिश की परत दर परत उखड़ती गई।

चारों आरोपियों को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इनसे लैपटॉप, हार्ड डिस्क व अन्य दस्तावेज बरामद किए जाएंगे। अन्य सहयोगियों की जानकारी जुटाई जाएगी। अभी इस मामले में और गिरफ्तारी हो सकती हैैं।
प्रीतपाल, एसीपी क्राइम