MP Politics: कभी धुर विरोधी रहे भाजपा नेता पवैया के घर शोक जताने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया
राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्यप्रदेश के भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की हुई मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। पवैया सिंधिया परिवार के खिलाफ बोलने के लिए जाने जाते रहे हैं और सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान पवैया उनके धुर विरोधी रहे हैं।
राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्यप्रदेश के भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया की शुक्रवार को हुई मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। उल्लेखनीय है कि पवैया सिंधिया परिवार के खिलाफ बोलने के लिए जाने जाते रहे हैं और सिंधिया के कांग्रेस में रहने के दौरान पवैया उनके धुर विरोधी रहे हैं। इस कारण शुक्रवार को हुई मुलाकात की सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई।
सिंधिया-पवैया की 30 मिनट की मुलाकात, पिता के निधन पर शोक जताने पहुंचे
सिंधिया शुक्रवार शाम चार बजे पवैया के निवास सेवापथ पर उनके पिता स्व. बलवंत सिंह के निधन पर शोक जताने पहुंचे। 30 मिनट की मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि यह एक सामान्य भेंट थी। पवैया ने परंपरा अनुसार गंगभोज के प्रसाद के रूप में सिंधिया को श्रीमद्भागवत गीता, रामनामी व तुलसी की माला भेंट की।
पहला मौका जब राजपरिवार के मुखिया के साथ पवैया की एकांत में हुई चर्चा
बता दें कि सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सिर्फ सार्वजनिक कार्यक्रमों में ही दोनों का आमना-सामना व चर्चा होती थी। यह पहला मौका है जब राजपरिवार के मुखिया के साथ पवैया की एकांत में चर्चा हुई।
सिंधिया ने कहा- अतीत, अतीत होता है; वर्तमान में हम दोनों कार्यकर्ता हैं
ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अतीत, अतीत होता है। पवैया व मैंने नया संबंध और नया रिश्ता कायम करने की कोशिश की है। वर्तमान में हम दोनों कार्यकर्ता हैं। दोनों साथ मिलकर ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास के लिए काम करेंगे। पवैया का अनुभव काम आएगा।
पवैया ने कहा- सिंधिया दुख बांटने घर आए अच्छा लगा
जयभान सिंह पवैया, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आज दुख बांटने घर आए तो अच्छा लगा। यह एक सामान्य भेंट थी, इसे राजनीतिक दृष्टि से न देखा जाए। मैंने उनका अतिथि परंपरा के अनुसार सत्कार किया। यह मुलाकात संवेदनाएओं से भरी थी।
1998 से महल के धुर विरोधी रहे हैं पवैया
जयभान सिंह पवैया ने ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के साथ काम किया है। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में स्व. माधव राव सिंधिया (ज्योतिरादित्य के पिता) के खिलाफ चुनाव लड़कर उन्होंने सामंतवाद को चुनावी मुद्दा बनाया था। हालांकि वे यह चुनाव हार गए, लेकिन इसके बाद माधवराव ने अपना संसदीय क्षेत्र बदलकर गुना-शिवपुरी कर लिया था। इसके बाद पवैया ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीते। पवैया को 2014 में भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया था।