PM मोदी के कैबिनेट विस्तार व LJP के रार पर बोला JDU, आरसीपी सिंह का तंज- चिराग पासवान शेर के बेटे तो पारस भी भाई
जेडीयू ने पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार व एलजेपी में मचे घमासान पर अपना रूख स्पष्ट किया है। पार्टी के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने चिराग पासवान अगर शेर के बेटे हैं तो पशुपति कुमार पारस भी शेर के भाई हैं।
जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Government) के विस्तार व लोक जनशक्ति पार्टी के दो-फाड़ (LJP Split) होने पर अपना रूख स्पष्ट किया है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपीसपी सिंह (RCP Singh) ने कहा है कि जेडीयू के केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने से जनता का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने एलजेपी के विवाद में खुलकर पशुपति पारस (Pashupati Paras) का समर्थन किया। चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि वे कभी खुद को शेर (रामविलास पासवान) का बच्चा कहते हैं तो कभी खुद को अनाथ बताते हैं। अगर वे शेर के बेटे हैं तो पारस भी तो उसी शेर के भाई हैं।
चिराग अगर शेर का बच्चा तो पारस भी शेर के हीं भाई
एलजेपी में टूट पर आरसीपी सिंह ने कहा कि इसका कोई न कोई आधार तो होगा ही। आखिर पांच सांसद एक साथ अलग क्यों हो गए! हैरानी इस बात की है कि चिराग पासवान दो दिन पहले खुद को शेर का बच्चा कह रहे थे और अब अनाथ कह रहे हैं। शेर कभी अनाथ होता है क्या! वहीं अगर शेर का बच्चा शेर हो सकता है तो शेर का भाई भी तो शेर ही होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में शामिल होगा जेडीयू
आरसीपी सिंह ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के शामिल होने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि इससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा। अभी लोग यह कहते हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में रहते हुए भी जेडीयू आखिर क्यों केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं है? उन्होंने कहा कि जेडीयू की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कोई तनातनी नहीं है। जब भी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, निश्चित रूप से जेडीयू उसमें हिस्सेदार रहेगी।
मंत्रिमंडल को लेकर अंतिम फैसला करेंगे सीएम नीतीश
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पार्टी में कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी से राय लेते हैं। पूरी तरह से मंथन होता है। इसलिए जेडीयू से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कौन शामिल होगा, यह तय करने का अधिकार उनका है। संभावित नामों में खुद की चर्चा को लेकर आरसीपी ने कहा कि उनका नाम स्थायी तौर पर (परमानेंट) चलता रहता है। जब बात आएगी तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नामों के साथ संख्या भी तय हो जाएगी।