चीन की नई चाल: जेनेटिक इंजीनियरिंग से सैनिकों को ताकतवर बना रहा ड्रैगन, अमेरिका भी चिंतित
अमेरिकी सलाहकारों का कहना है कि आने वाले समय में जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए चीन अपनी सेना को ज्यादा ताकतवर बना लेगा जो कि अमेरिका समेत दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
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चीन आने वाले समय में दुनिया में अपनी धाक जमाने के लिए तरह-तरह के नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगा रहता है। अब वह अपने सैनिकों को शक्तिशाली बनाने के लिए ऐसा काम कर रहा है, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। दरअसल, चीन अपने सैनिकों को ज्यादा क्षमतावान बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं के जेनेटिक डेटा का चोरी-छिपे अध्ययन कर रहा है। अमेरिकी सलाहकार समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन को यह जानकारी देते हुए सतर्क किया है। अमेरिकी सलाहकारों का कहना है कि आने वाले समय में जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए चीन अपनी सेना को ज्यादा ताकतवर बना लेगा जो कि अमेरिका के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
लाखों गर्भवती महिलाओं का डाटा चुराने का आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनी बीजीआई ग्रुप ने अब तक 80 लाख चीनी महिलाओं का डेटा गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा कर लिया है। दरअसल, यह कंपनी चीन समेत दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्ण जांच (प्रीनेटल टेस्ट) कराने के लिए प्रसिद्ध है। इस जांच में यह पता लगाया जाता है कि कहीं भ्रूण में कोई जीन संबंधी दोष तो नहीं है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस जांच के बहाने बीजीआई ग्रुप ने बड़ी संख्या में गर्भवतियों का जीन डेटा एकत्र कर लिया है। चोरी किए गए डेटा में महिला की उम्र, वजन, लंबाई व जन्म स्थान की जानकारी है। इस आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए वह ऐसे मानव गुणों का पता लगा रहे हैं, जिनसे भविष्य में पैदा होने वाली आबादी के शारीरिक गुणों में बदलाव किया जा सके।
अनुवांशिक रूप से मजबूत बनेंगे चीनी सैनिक
अमेरिकी सरकार के सलाहकारों ने रिपोर्ट में कहा चीन अपने सैनिकों को अनुवांशिक रूप से उन्नत बनाने के लिए ऐसा कर रहा है। ये ऐसे सैनिक हो सकते हैं जिन्हें ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने पर सुनने व सांस लेने की क्षमता में अंतर नहीं आएगा। जीनोमिक डेटा तक पहुंच के जरिए चीन को आर्थिक और सैन्य लाभ भई मिल सकता है। इसके अलावा, सलाहकारों को यह भी लगता है कि इस डाटा के जरिए चीन फार्मा क्षेत्र में वैश्विक दबदबा बनाकर या खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाकर अमेरिका के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।