दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच NIA ने की शुरू, आईजी के साथ बैठक कर ली घटना की जानकारी
Darbhanga Samachar: NIA एसपी नवीन त्यागी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने पार्सल ब्लास्ट मामले को खंगालना शुरू कर दिया है. टीम ने घटना से सम्बंधित स्थलों को बारीकी से देखते हुए घटना स्थल पर पार्सल अधिकारियों से जानकारी ली.
दरभंगा जंक्शन (Darbhanga Junction) पर हुए पार्सल विस्फोट के मामले की जांच के लिए शुक्रवार को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की तीन सदस्यीय टीम दरभंगा पहुंची. NIA एसपी नवीन त्यागी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने पार्सल ब्लास्ट मामले को खंगालना शुरू कर दिया है. सबसे पहले एनआईए की टीम ने मिथिला प्रक्षेत्र के आईजी अजिताभ कुमार के साथ बैठक करते हुए वर्तमान व पुरानी आतंकी गतिविधियों के संबंध में जानकारी ली. साथ ही पार्सल ब्लास्ट मामले में अभी तक की जांच प्रगति की समीक्षा की.
जिला एवं रेल प्रशाशन से मिलने के बाद एनआईए की तीन सदस्यीय टीम दरभंगा स्टेशन पहुंची और घटना से सम्बंधित जगह का निरीक्षण किया तथा जीआरपी के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान टीम ने घटना से सम्बंधित स्थलों को बारीकी से देखते हुए घटना स्थल पर पार्सल अधिकारियों से जानकारी ली साथ ही कई महत्वपूर्ण चीजों को नोट भी किया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 17 जून को सिकंदराबाद से दरभंगा पहुंची ट्रेन से उतारे गए एक पार्सल को जैसे ही प्लेटफार्म संख्या दो से लाकर प्लेटफार्म संख्या एक पर रखा गया, उसी दौरान पार्सल के अंदर विस्फोट हो गया. विस्फोट के बाद जब पार्सल को खोला गया तो उसके अंदर से कपड़े के साथ एक छोटी सी बोतल मिली. हालांकि, विस्फोट के दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अब दरभंगा ब्लास्ट की जांच का जिम्मा एनआईए को दिया गया है. जिसके बाद एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय एनआईए की टीम दरभंगा पहुंची है.
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सूत्रों की माने तो अभी टीम 3 दिनों तक दरभंगा में रहकर विभिन्न जगहों पर जाकर जानकारी लेगी, खासकर उन जगहों पर जहां पूर्व में आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी, क्योंकि कल बैठक में टीम ने उन सभी जगहों की जानकारी स्थानीय पुलिस से मांगी थी.
पूर्व में हुई गिरफ्तारी
दरभंगा मॉडयूल का इतिहास रहा है. यबां 19 नवम्बर 2011 को दरभंगा के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी. 12 जनवरी 2012 को दरभंगा के जाले थाना के देवड़ा बंधौली गांव निवासी नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था. दोनों की निशानदेही पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी मिली थी.
वहीं, 21 फरवरी 2012 को एटीएस ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा गया था. उसे आइएम का मेंटर बताया गया. 06 जनवरी 2012 को केवटी थाने के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था. बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट में उसकी संलिप्तता सामने आई थी.