प्रेमिका से मिलने धनबाद से पतरातू पहुंचे दारोगा, ग्रामीणों ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा; जानिए फिर क्या हुआ
Jharkhand News रामगढ़ जिले के पतरातु थाना क्षेत्र के ग्राम जयनगर में रविवार की रात्रि अचानक से अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। मामला था धनबाद में पदस्थापित झारखंड पुलिस के दरोगा(सब-इंस्पेक्टर )सतेन्द्र पाल अपनी प्रेमिका से मिलने जयनगर पहुंचे थे।
रामगढ़ जिले के पतरातु थाना क्षेत्र के ग्राम जयनगर में रविवार की रात्रि अचानक से अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। मामला था धनबाद में पदस्थापित झारखंड पुलिस के दरोगा(सब-इंस्पेक्टर )सतेन्द्र पाल अपनी प्रेमिका से मिलने जयनगर पहुंचे थे। ग्रामीणों व स्वजनों ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। फिर उसकी जमकर धुनाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। मामले को लेकर प्रेमिका के पति ने पतरातु थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उसने थाने में दिए आवेदन में बताया कि रविवार की रात्रि जब वह जिंदल स्टील में नाइट ड्यूटी करने चला गया था।
तभी घर की चारदीवारी फांदकर दरोगा सत्येंद्र पाल उसके घर में दाखिल हो गया। रात्रि लगभग 12.30 बजे उसके भाई जब शौच के लिए उपरी तले से नीचे उतरे तो अपने भैया-भाभी के कमरे से आवाज आता हुआ सुनकर वह कमरे में झांकने का प्रयास किया। देखा कि भाभी एक अनजान व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक हालत में पड़ी हुई है। शोर मचाने पर घर में मौजूद स्वजन समेत आस पड़ोस के लोग भी जुट गए। शोर मचाने के बाद सत्येंद्र पाल वहां से भागने लगे जिसे ग्रामीणों ने खदेड़ कर पकड़ा। घर से कुछ दूरी पर सत्येन्द्र पाल की स्विफ्ट कार खड़ी पाई गई। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा पतरातू पुलिस को सूचना देकर सत्येंद्र पाल को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
इधर पुलिस के समक्ष बचाव में उतरी प्रेमिका
अपने प्रेमी को फंसता देख सत्येंद्र पाल की प्रेमिका उसके बचाव में उतर गई है। प्रेमिका के पति ने बताया कि उसकी शादी पिठौरिया थाना क्षेत्र के बाढू में वर्ष 2014 में हुई थी। जिसके बाद से लगातार उसकी पत्नी का चाल चलन संदेह के घेरे में रहता था। जिस पर आपत्ति जताने के बाद महिला अपने पति व ससुराल वालों को जान से मरवाने की धमकी भी दिया करती थी। महिला का एक पांच वर्ष का बेटा भी है।
मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों के बीच बीते कई वर्षों से प्रेम संबंध है। पतरातु पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। देर शाम मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है। बताया गया कि आठ-दस पहले सत्येंद्र पाल रामगढ़ जिले में सिपाही के रूप में भी पदस्थापित था। एसपी कार्यालय में रीडर के तौर पर पदस्थापित था। बाद में वह दरोगा में बहाल हो गया।