मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान पर किसानों की पंचायत में होगा निर्णय, जुटने लगे किसान

दिल्‍ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसानों के धरने को लेकर गुरुवार को रातभर गहमागहमी रही। इसी क्रम में आज शुक्रवार का दिन भी अहम है। मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान पर भाकियू अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने किसानों की पंचायत बुलाई है।

मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान पर किसानों की पंचायत में होगा निर्णय, जुटने लगे किसान

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। रातभर गहमागहमी का दौर जारी रहा। आज शक्रवार को मुजफ्फरनगर में सुबह 11 बजे से नरेश टिकैत ने पंचायत का आयोजन किया है। इसी में आगे रणनीति पर विचार किया जाएगा। शुक्रवार को भी गाजीपुर में किसानों धरना जारी है। प्रशासन भी पसोपेश में है। 11 बजे बुलाई गई पंचायत में बड़ी संख्‍या में किसानों के पहुंचने की संभावना है। आज गाजीपुर में प्रशासन के साथ किसानों की वार्ता भी हो सकती है। वहीं राकेश टिकैत भी धरना जारी रखने पर अडिग हैं। किसानों की पंचायत को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

इसके पूर्व गुरुवार को दिन में गाजीपुर बार्डर से धरना उठाने की बात कहने वाले चौधरी नरेश टिकैत ने रात को फिर से किसान पंचायत बुलाई और एलान किया कि शुक्रवार को जीआइसी मैदान में पंचायत कर अगला निर्णय लिया जाएगा। गुरुवार शाम को चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली के किसान भवन में कहा कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर लगभग दो माह से चल रहा धरना उठा लिया जाएगा। हालांकि देर शाम भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का रोते हुए वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ।

इसमें चौधरी राकेश टिकैत कह रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद न किया गया तो वह आत्महत्या कर लेंगे। चौधरी राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सिसौली समेत आसपास के क्षेत्र में असमंजस पैदा हो गया। इसके बाद रात करीब नौ बजे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने आपात किसान पंचायत बुला ली। इसमें उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिन में 11 बजे सभी लोग मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान में जुटेंगे। किसान आंदोलन में आगे की रणनीति पर वहीं निर्णय लिया जाएगा।

चौधरी टिकैत ने कहा कि रात में गाजीपुर बार्डर पर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बगैर जांच पूरी हुए यदि गिरफ्तारी की गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में नहीं लेते, लेकिन सरकार ऐसा करने को मजबूर कर रही है। पंचायत में रालोद के पूर्व विधायक राजपाल बालियान ने भी समर्थन का आश्वासन दिया।