मास्टर प्लान 2041: सुरक्षा होगी पुख्ता, तभी दिल्ली की रातें हो सकेंगी गुलजार, डीडीए की योजना पर दिल्लीवासियों समेत विशेषज्ञों की राय
दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 में अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने के लिए नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के साथ साथ कला, संस्कृति और परंपरागत शैली से जुड़ी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही राजस्व में आय में बढ़ोतरी होगी।
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दिल्लीवासियों को अब अपने रोजमर्रा की जरूरतों के लिए अलग वक्त निकालने की चिंता नहीं होगी। दफ्तर आने-जाने के दौरान भी आप अपने जरूरी काम कर सकेंगे। घूमना फिरना, मौज मस्ती या शॉपिंग, दिन हो या रात 24 घंटे दिल्ली गुलजार रहेगी। मास्टर प्लान-2041 के मसौदे में नाइट इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिहाज से वाणिज्यिक परिसरों को 24 घंटे खुला रखने का प्रस्ताव है। इसे अमलीजामा पहनाने से ने दिल्लीवासियों की जीवनशैली में बदलाव के साथ कारोबार में बढ़ोतरी से दिल्ली की आर्थिक सेहत में भी सुधार होगा। इसके लिए जरूरी है कि रात के वक्त सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता किया जाए।
अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने के लिए नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के साथ साथ कला, संस्कृति और परंपरागत शैली से जुड़ी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही राजस्व में आय में बढ़ोतरी होगी। रेस्तरां, होटल और सांस्कृतिक केंद्रों के साथ साथ आउटलेट्स के पूरे हफ्ते खुले होने से न तो खरीदारी और न ही सेवाओं के लिए इंतजार करना होगा। दिल्ली की नाइट लाइफ की चुनौतियों का पड़ताल करती सर्वेश कुमार की रिपोर्ट:
. नाइट इकोनॉमी को बढ़ावा देने की कोशिश अच्छी है। इसके लिए सबसे पहले सुरक्षा सहित मार्केट की मौजूदा सुविधाओं को और बेहतर करना होगा। फिलहाल, अगर रात के वक्त कोई महिला शॉपिंग से लौट रही हैं तो उनकी सुरक्षा की गारंटी क्या है। इसे लागू करने से पहले जरूरी है कि लोगों में डर न हो। इसे रात के 10 बजे, फिर 12 बजे तक ट्रायल के तौर पर लागू किया जाना चाहिए। रेस्तरां, होटल छोड़कर कई ऐसे आउटलेट हैं, जहां रात के वक्त ग्राहक नहीं होते हैं। 24 घंटे अगर कारोबार चलता रहा तो शिफ्ट में कर्मियों को वेतन देने सहित बिजली, पानी सहित तमाम बुनियादी सुविधाओं पर खर्च बढ़ेगा। ग्राहकों की संख्या बढ़ने पर ही इस प्रस्ताव को सही मायने में दिल्लीवासियों को फायदा मिल सकेगा। -अतुल भार्गव, अध्यक्ष, नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन
. मास्टर प्लान में कई प्रस्ताव ऐसे हैं जिन्हें लागू करने पर कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद है। मगर, दिल्ली में इसे लागू करने के लिए जरूरी है कि सुरक्षा इंतजामों को पहले पुख्ता किया जाए। 2021 के मास्टर प्लान में थोक बाजारों को शिफ्ट करने की योजना थी, लेकिन नहीं हो सका। हां, प्रस्ताव में सड़कों पर अतिक्रमण रोकने के लिए दिया गया प्रस्ताव अच्छा है, इससे दुकानदारों के साथ साथ खरीदारों को भी राहत मिल सकेगी। रात के वक्त रेस्तरां, होटल में लोगों की मौजूदगी होती है, लेकिन सभी बुनियादी सुविधाओं को ठीक तरह से लागू किए जाने पर ही सभी दुकानें खुल सकेंगी। इसके लिए दुकान मालिकों को भी कुछ रियायत देना होगा, क्योंकि कर्मी भी तीन शिफ्ट में काम करेंगे। -संजीव मेहरा, अध्यक्ष, खान मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन
. दिल्ली एनसीआर में रोजाना हजारों की संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने के लिए पूरी रात आवागमन चलता है। ऐसे में रात की शिफ्ट में काम करने वालों को काफी राहत मिलेगी। अगर, दफ्तर से लौटते हुए खान पान या कोई जरूरी उत्पाद की खरीदारी जरूरी है तो आउटलेट्स के खुलने से दोबारा जाने की जरूरत नहीं होगी। 24 घंटे अगर दिल्ली खुलती है तो इससे वर्किंग क्लास को काफी राहत मिलेगी। विदेशी कंपनियों में कई बार रात की शिफ्ट में काम करने वालों को अपने खरीदारी या किसी और जरूरी काम के लिए वीकेंड का इंतजार करना पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि डीटीसी की बसों की तर्ज पर बाजारों में भी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ साथ जरूरी है कि जगह जगह पुलिस के नाके हों तो महिलाएं खुद को सुरिक्षत महसूस कर सकें। -पासना रावत, विदेशी कंपनी में कार्यरत कर्मी
. दिल्लीवासियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करने के लिए मास्टर प्लान में दिए गए सुझावों को अमली जामा पहनाने के लिए सुरक्षा, उत्पादों की उपलब्धता के साथ साथ मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देना होगा। अगर, दफ्तर से काम करने के बाद कोई लौट रहा हो और सभी जरूरतें एक ही जगह पर किसी भी वक्त पूरी होंगी तो जिंदगी आसान होगी। अभी कई काम के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है तो कई बार खाने पीने के लिए भी उचित सुविधा न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात के वक्त अगर एक से दूसरी जगह जाना हो तो भी परिवहन की सुविधा काफी कम है। -रोहित मिश्रा
. 24 घंटे मार्केट खुली होने से लोगों की सहूलियतें बढ़ेंगी। अभी लोगों को खरीदारी के लिए भी अलग से वक्त निकालना पड़ता है। 20 साल बाद अगर बेहतर सुविधाएं मिले तो इससे जिंदगी की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। -नविन्दर चौधरी
मास्टर प्लान में किए गए प्रावधान
. दिल्ली होगी यूथ से फुल, 20 साल बाद औसत आयु होगी 35 वर्ष।
-2017-18 में काम करने वालों की संख्या करीब 62 लाख थी। 20 साल बाद इसमें बढ़ोतरी के बाद आंकड़ा एक करोड़ के पार होने की उम्मीद है।
-33 इंडस्ट्रियल एरिया हैं जबकि निर्माण क्षेत्र में कार्य बल तीन गुना होने किया जाएगा। को वर्किंग प्लेस, साइबर अर्थव्यवस्था, अनुसंधान एवं विकास, पर्यटन, डिजाइन, फैशन और फूड एंड बेवरेज को मिलेगा प्रोत्साहन।
-बिजनेस प्रमोशन डिस्ट्रिक्ट(बीपीटी) के तहत साइबर हब, क्लीन टेक इनोवेशन क्लस्टर बनाए जाएंगे।
-मॉडल शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट-2015 के तहत 24 घंटे कार्यरत शहर, नाइट लाइफ को बढ़ावा मिलने के साथ ही नियत स्थानों का उचित उपयोग हो सकेगा।
-पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा तो सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि नौकरीपेशा, पढ़ाई करने वालों को अपनी जरूरत के मुताबिक खरीदारी या सेवाओं के उपयोग का मौका मिल सके।
-वेयरहाउस और थोक भंडारण को पुराने शहर से औद्योगिक क्षेत्रों में 10 वर्षों के लिए विस्थापित करने से कम होगी परेशानी।