येदियुरप्पा के सचिव ने JDS पार्षद को भाजपा में शामिल होने के लिए रिश्वत की पेशकश की, पूर्व मंत्री ने लगाया आरोप

कर्नाटक के पूर्व मंत्री और जनता दल-सेक्युलर (JDS) के नेता एचडी रेवन्ना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष ने गुरुवार को जेडीएस पार्षद कलाई अरासी को भाजपा में शामिल होने के लिए 10 लाख रुपये की पेशकश की।

येदियुरप्पा के सचिव ने JDS पार्षद को भाजपा में शामिल होने के लिए रिश्वत की पेशकश की, पूर्व मंत्री ने लगाया आरोप

कर्नाटक के पूर्व मंत्री और जनता दल-सेक्युलर (JDS) के नेता एचडी रेवन्ना ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष ने गुरुवार को जेडीएस पार्षद कलाई अरासी को भाजपा में शामिल होने के लिए 10 लाख रुपये की पेशकश की। रेवन्ना ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संतोष पहले ही 10 लाख रुपये दे चुके हैं और जेडीएस छोड़ने के बाद 15 लाख रुपये और देने का वादा किया है। उन्होंने  इसे लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)  जांच की मांग की। जेडीएस नेता रेवन्ना का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्य में भाजपा नेताओं के बीच हंगामे की खबरें आ रही हैं।

भाजपा विधायक रमेश जारकीहोली ने शुक्रवार को अपने शुभचिंतकों से सलाह मशविरा करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। कर्नाटक के पूर्व जल संसाधन मंत्री रमेश ने शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा,  'मैंने वरिष्ठों, शुभचिंतकों के सुझावों के बाद अपने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। इसके अलावा, भले ही कांग्रेस मुझे मुख्यमंत्री पद की पेशकश करे, मैं कांग्रेस पार्टी में हुई कुछ घटनाओं से खुश नहीं हूं। मैंने उस व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त की है जिसे बताने की जरूरत है। मैं इसके बारे में मीडिया से बात नहीं कर सकता।'

राज्य में भाजपा विधायकों के बीच नाराजगी की अटकलों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 18 जून को किसी भी राजनीतिक विद्रोह से इनकार किया था और कहा था कि सदस्यों के बीच भ्रम को दूर करने के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा था, 'कोई भ्रम नहीं है। केवल एक या दो लोगों ने मीडिया से कुछ बात की और उसको बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। वे शुरू से ऐसा कर रहे हैं। प्रभारी अरुण सिंह उनसे मिले भी नहीं हैं। कोई भ्रम नहीं कोई कैबिनेट सदस्य चिंतित नहीं है।'