लखनऊ में बढ़ रही महिलाओं में शराब की लत, दूकानों से बेधड़क खरीदती नजर आ रही हैं शराब

लखनऊ में बड़ी संख्या में महिलाएं शराब की शौकीन मेट्रो सिटी की तरह बढ़ा चलन। शॉपिंग मॉल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के आसापास दूकानों से बेधड़क खरीद रही शराब । कोरोना से उपजा तनाव भी बन रहा कारण ।

लखनऊ में बढ़ रही महिलाओं में शराब की लत, दूकानों से बेधड़क खरीदती नजर आ रही हैं शराब

 अपनी तहजीब और खान-पान के लिए मशहूर नवाबों के शहर में महिलाओं में भी मेट्रो सिटीज की तरह शराब पीने का चलन बढ़ रहा है। शहर में कई दुकानें है, जहां महिलाएं शराब खरीदने में पुरुषों से पीछे नहीं है। शहर के शॉपिंग मॉल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के आसापास दुकानों में महिलाएं बिना झिझक शराब खरीदती नजर आ रही हैं। शराब जहां एक लत है, वहीं यह अब मध्यम वर्गीय और हाई क्लास सोसाइटी में फैशन भी बनती जा रही है। कोरोना काल की वजह से उपजा तनाव भी इसका एक बड़ा कारण है। 

शॉपिंग मॉल में शराब की दुकान संचालक रोहित का कहना है कि आमतौर पर पहले महिलाएं शराब की दुकानों से दूरी बनाकर रखती थी। मगर, अब ऐसा नहीं है। हमारे यहां आने वाले दस ग्राहकों में चार महिलाएं भी होती है। इनमे सबसे अधिक कामकाजी महिलाएं या फिर कॉलेज गर्ल है। जब से सरकार ने शॉपिंग मॉल में शराब बेचने की अनुमति दी है तब से महिलाएं खुद यहां आकर शराब खरीदने में संकोच नहीं करती है। 

शहर के बड़े रेस्टोरेंट में बार टेंडर अमन कहते है कि लखनऊ में बड़ी संख्या में महिलाएं शराब की शौकीन हैं। हमारे यहां आने वाली अधिकांश महिलाएं वोदका, वाइन या बियर पसंद करती है। वोदका की डिमांड सबसे अधिक रहती है। लगातार इसमे इजाफा हो रहा है। हजरतगंज में बार संचालक का कहना है की सर्दियों में महिलायें शराब अधिक पसंद करती है। दीपावली के साथ ही वोदका और वाइन की डिमांड बढ़ जाती है। शादियों  का मौसम शुरू होते ही और सभी जगह पार्टियों में अधिकांश महिलाओं का शराब पीना अब आम बात है। बार में भी कम उम्र की लड़कियां भी पैग जमाने में पीछे नहीं हैं। 

एक और बात गौर करने लायक है, शहर में जहां पर लड़कियों के निजी कॉलेज और इंस्टिट्यूट हैं,  वहां की आसपास की दुकानों में अंग्रेजी शराब के साथ-साथ वोदका और ब्रीजर की भी बहुत डिमांड है। फैजाबाद रोड पर मुंशी पुलिया से लेकर बाराबंकी तक तमाम दुकानों पर शाम होते ही तमाम लड़कियां शराब खरीदते नजर आती हैं। रायबरेली रोड पर भी यही हाल है। 

वहीं, इस लत और शौक के पीछे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि दअरसल, कोरोना के कारण लंबे समय से लोग घरों में बंद रहे हैं। सबका पूरी तरह से सामाजिक बायकॉट रहा है। अब जबकि लोग बाहर निकल रहे है। वो हर पल को इंजॉय करना चाहते हैं। यही वजह की पार्टियां और दोस्तों के बीच महिलाओं और कॉलेज की लड़कियों में शराब पीने का चलन बढ़ रहा है। 

शराब बिक्री के आंकड़े भी कुछ इस तरफ इशारा कर रहे है। कोरोना काल के बावजूद वर्ष 2020 में जहां अंग्रेजी शराब की करीब 75:85 लाख बोतल बिकी। वहीं, बियर के करीब डेढ़ करोड़ कैन बिक गए। जाहिर है कोरोना के खौफ के बावजूद शराब बिकती रही। शराब दुकानदार एसोसिएशन के महामंत्री कन्हैया लाल का कहना है कि वोदका और वाइन की भी सभी जगहों पर डिमांड हो रही है। ग्राहकों में महिलाएं भी बढ़ रही हैं। उधर, आबकारी अधिकारी प्रवीण कुमार का कहना है कि कोरोना के शुरुआती दौर के बाद से शराब की बिक्री लागातर रफ्तार पकड़ रही।

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