शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया में कैसे चूमी सफलता की सीढ़ी, रोहित शर्मा के कोच ने किया खुलासा
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने जिस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट मैच में किया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे किसी भी स्थिति में टीम का सिर झुकने नहीं देंगे।
शार्दुल ठाकुर ने आठ साल पहले मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया था। उस समय मुंबई की टीम में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, तेज गेंदबाज अजीत अगरकर और जहीर खान जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल थे। हालांकि, राजस्थान के खिलाफ जिस मैच में शार्दुल ठाकुर ने डेब्यू किया था। उस मैच में सचिन, जहीर और अगरकर नहीं थे, लेकिन वे रेलवे के खिलाफ उसी सीजन में खेले थे।
सचिन तेंदुलकर और जहीर खान को इंग्लैंड के साथ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जुड़ना था। ऐसे में जयपुर में खेले गए उस मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी में उन्होंने डेब्यू किया था। रोहित और शार्दुल स्कूली दोस्त रहे हैं। हालांकि, शार्दुल उस मौके को भुना नहीं पाए थे। पहले मैच में एक विकेट लेने के बाद उनको टीम से ड्रॉप कर दिया गया था, लेकिन उसी सीजन के सेमीफाइनल में उनको मिला तो उन्होंने सर्विसेज के खिलाफ तीन विकेट चटकाए थे।
शार्दुल ठाकुर मुंबई के साथ बने रहे और अगले सीजन में फिर से मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उन पर भरोसा कायम रखा। वहीं, शार्दुल ने 27 विकेट लेते हुए सफलता की नई कहानी लिख डाली और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में आठ साल तपने के बाद शार्दुल ठाकुर को अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। 2018 अक्टूबर में उन्होंने हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था, जिसमें वे 10 गेंद की फेंक सके थे और चोटिल हो गए थे।
हालांकि, शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब अपनी असली प्रतिभा दिखा दी है। सोमवार को वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की सरजमीं पर सात विकेट लेने और अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। हैरान करने वाली बात ये है कि शार्दुल ठाकुर टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन भारतीय तेज गेंदबाज चोटिल हो गए थे। ऐसे में उनको टेस्ट टीम में शामिल किया गया था।
इस मौके पर दिनेश लाड जो कि रोहित शर्मा और शार्दुल को स्कूल के समय में ट्रेनिंग दे चुके हैं, उन्होंने कहा, "कुछ साल पहले वह काफी बल्की हुआ करते थे और दिशाहीन गेंदबाजी करते थे। मैंने उनसे बालू पर दौड़ने के लिए कहा। शार्दुल ने इसके बाद अपनी फिटनेस पर काम करना शुरू किया। किंग्स इलेवन पंजाब ने आइपीएल में उन्हें मौका नहीं दिया इससे वह निराश थे। मैंने उनसे कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है। अपने मजबूत पक्ष पर काम करो। आप टॉप लेबल पर अभ्यास कर रहे हो।"
दिनेश लाड का मानना है कि आज की शार्दुल ठाकुर की सफलता घरेलू क्रिकेट में उनकी मेहनत का नतीजा है। घरेलू क्रिकेट एक खिलाड़ी के अंदर टेम्परामेंट पैदा करती है, क्योंकि खेल के शीर्ष स्तर पर आपको संयम की जरूरत होती है और शार्दुल को यह संयम घरेलू क्रिकेट से ही मिला है। शार्दुल ठाकुर ने गाबा टेस्ट मैच में भारत के लिए अहम 67 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में चार अहम विकेट भी हासिल किए। तीन विकेट उन्होंने पहली पारी में भी चटकाए थे।