चिराग पासवान का BJP से मोहभंग! बोले: पारस का LJP कोटे से PM मोदी कैबनेट में मंत्री बनना मंजूर नहीं
क्या चिराग पासवान बीजेपी से नाराज हैं? क्या वे एनडीए से अलग राजनीतिक संभावनाओं पर भी विचार कर सकते हैं? वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर क्या कह रहे हैं? क्या होगा अगर पशुपति पारस को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में एलजेपी कोटै से जगह मिलती है? जानिए यहां।
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे घमासान के बीच चिराग पासवान इन दिनों मुसीबत में हैं। राम विलास पासवान की विरासत की इस जंग में उनको अपने चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) से जूझना पड़ रहा है। बीते विधानसभा चनाव के दौरान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान (Hanuman of Narendra Modi) कहने वाले चिराग के मसले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुप्पी साध ली। जबकि, चिराग को बीजेपी से साथ की उम्मीद थी। चिराग का कहना है कि बीजेपी के मुश्किल वक्त में वे व उनके पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) चट्टान की तरह खड़े रहे, लेकिन उनके मुश्किल वक्त में बीजेपी से कोई सहयोग नहीं मिल सका। खुद का एलजेपी पर दावा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पशुपति पारस को बतौर एलजेपी सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली तो यह उन्हें मंजूर नहीं होगा।
बीजेपी की चुप्पी अनुचित, एकतरफा नहीं रहेगा संबंध
चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि बीजेपी के साथ उनके संबंध एकतरफा नहीं रह सकते हैं। उन्होंने अपने मामले में बीजेपी की चुप्पी को अनुचित करार दिया है। कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो वे अपने भावी राजनीतिक फैसलों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे। हालांकि, चिराग ने यह भी जोड़ा कि उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) में विश्वास है।
पारस का एलजेपी कोटे से मंत्री बनना नहीं है स्वीकर
चिराग ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने एलजेपी में दो-फाड़ की साजिश रची। उम्मीद थी कि बीजेपी इसमें हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी अगर उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को बतौर एलजेपी सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देगी तो यह उन्हें स्वीकार नहीं होगा। हां, पशुपति पारस को निर्दलीय या किसी अन्य दल से मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए तो उन्हें आपत्ति नहीं होगी।
इस मामले में चुप्पी को ही बेहतर मान रही है बीजेपी
विदित हो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बीजपी केंद्र सरकार में अपने सहयोगी एलजेपी में मचे घमासान पर चुप्पी साधे हुए है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल इसे एलजेपी का आंतरिक मामला बता चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिराग पासवान से नाराजगी को देखते हुए चिराग का समर्थन कर बिहार की अपनी सरकार को खतरे में डालने से बच रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मदद करते हुए जेडीयू का नुकसान करने वाले चिराग के खिलाफ जाना भी बीजेपी की छवि को खराब करेगा। ऐसे में उसने चुप्पी को ही बेहतर माना है।
क्या चिराग का बीजेपी व पीएम मोदी से हो रहा मोहभंग?
जो भी हो, अब चिराग पासवान के बयान से स्पष्ट है कि उनका बीजेपी व पीएम मोदी से मोहभंग हो रहा है। हाल ही में वे यह भी कह चुके हैं कि अगर हनुमान (चिराग पासवान) को राम (नरेंद्र मोदी) से मदद मांगनी पड़े तो कैसे हनुमान और कैसे राम?