बिहार में नहीं खुले मंदिर तो भाजपा सांसद ने उठाई आवाज, यूपी और मध्य प्रदेश के बड़े मंदिरों का दिया हवाला
Bihar Temple Opening स्कूल कालेज के साथ ही रेस्तरां और पार्क खोलने की भी इजाजत मिल गई लेकिन मंदिरों को खोलने पर सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है। इससे मंदिरों के पुजारी परेशान हैं और श्रद्धालुओं में भी मायूसी है।
बिहार में अनलाक की नई गाइडलाइन में स्कूल, कालेज के साथ ही रेस्तरां और पार्क खोलने की भी इजाजत मिल गई, लेकिन मंदिरों को खोलने पर सरकार ने अभी कुछ नहीं कहा है। इससे मंदिरों के पुजारी परेशान हैं और श्रद्धालुओं में भी मायूसी है। इस बीच भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने सरकार को मंदिर खोलने की नसीहत दी है। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े मंदिरों को खोले जाने का उदाहरण भी दिया है। भाजपा सांसद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार के मंदिरों को भी दर्शन-पूजन के लिए खोलने का आग्रह किया है। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण से भी फोन पर बात की है। राज्य में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सहित सभी धार्मिक स्थल कई हफ्तों से पूरी तरह बंद है।
काशी विश्वनाथ मंदिर से उज्जैन तक का दिया हवाला
विवेक ठाकुर ने पत्र में लिखा कि काशी विश्वनाथ मंदिर, विंध्यवासिनी, महाकालेश्वर उज्जैन एवं ओंकारेश्वर जैसे मंदिरों में दर्शन-पूजन आरंभ हो चुका है। इसलिए बिहार के मंदिरों पर भी विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रावण माह समीप है। आमजन की इच्छा है मंदिरों में जाकर दर्शन-पूजन करने की। इसलिए प्रतिबंध हटाने के साथ-साथ मंदिर प्रबंधन समिति को कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए एक-एक करके श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कराया जाए
मंदिरों और पुजारियों की हालत खस्ता
लाकडाउन में मंदिरों और पुजारियों की हालत खस्ता है। खासकर बड़े मंदिर जहां पुजारियों के साथ ही मंदिरों के ढेरों स्टाफ और आसपास की आबादी को भी श्रद्धालुओं के आने से ही रोजगार मिलता है, वहां आजकल सन्नाटा पसरा रहता है। यह स्थिति लगभग डेढ़ साल है। बीच में कुछ दिनों के लिए मंदिर खुले भी तो श्रद्धालुओं की आवाजाही सामान्य रूप से नहीं रही। कोविड संक्रमण के कारण वैसे ही श्रद्धालु कम आ रहे हैं।
पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर पर असर
पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर से अस्पताल और भोजनालय सहित कई तरह के सामाजिक कार्य भी संचालित किए जाते हैं। यह सब श्रद्धालुओं से होने वाली आमदनी से होता है। लाकडाउन में मंदिर की आमदनी काफी घट गई है। हालांकि मंदिर प्रबंधन ने अब तक सामाजिक कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी है। ज्यादातर मंदिरों के प्रबंधन का भी मानना है कि बदले हालात में संक्रमण के बाद सरकार को विचार करना चाहिए।