कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड को नौ हजार करोड़ का नुकसान, जानिए यूपी-बिहार को कितना लगा झटका?
कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड की अर्थव्यस्था को नौ हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। केवल अप्रैल-मई में कोरोना की मार से राज्य को इतने भारी झटके की आशंका है।
भारतीय स्टेट बैंक ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही का आकलन कर इसका अनुमान लगाया है। नौ हजार करोड़ की राशि झारखंड के सालाना सकल घरेलू उत्पाद की लगभग 3.75 फीसदी है। ज्ञात हो कि 2021-22 में झारखंड की सालाना जीडीपी के स्थिर मूल्य पर दो लाख 44 हजार करोड़ का होना आंका गया है।
झारखंड में भी लॉकडाउन के दौरान छोटे स्वरोजगार की गतिविधियां पूरी तरह से चौपट रही है। भय के मारे लोगों के घर में ज्यादा समय गुजारने के कारण खरीदारी भी कम हुई। इस कारण राज्य के बाजार में कमी बनी रही और अर्थव्यवस्था के पूरे चक्र पर गंभीर असर हुआ। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी राज्यों की अर्थव्यवस्था पर कोरोना की दूसरी लहर ने झारखंड से ज्यादा गहरे घाव किए हैं। झारखंड के नौ हजार करोड़ के नुकसान के अनुमान से इतर बिहार को 18,666 करोड़, छत्तीसगढ़ को नौ हजार 446 करोड़ ओड़िशा को 14,449 करोड़, उत्तर प्रदेश को 46,352 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 37,252 करोड़ के नुकसान की आशंका जताई गई है। झारखंड में बड़े उद्योगों के बंद नहीं होने के कारण पड़ोसी राज्यों से कम असर की संभावना है।
लोकल लॉकडाउन मिलकर बने नेशनल
एसबीआई इको रैप की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर राज्य के लोकल लॉकडाउन ने मिलकर नेशनल लॉकडाउन का नजारा पैदा कर दिया। आवागमन पर रोक नहीं होने और उद्योगों में लॉकडाऊन नहीं के बावजूद लोगों के खुद ही डर कर घर पकड़ने की मजबूरी से ज्यादा नुकसान हुआ है। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में यह फैल रहा है। सेहत के इस संकट ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से हराया है।
कोरोना की दूसरी लहर के अप्रत्याशित रूप से आने के कारण अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। इससे पहली तिमाही में जीडीपी के अनुमान को घटाना पड़ा है। यह प्रारंभिक आकलन है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के विस्तार के बाद राज्य में अर्थव्यवस्था के कारकों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इससे झारखंड की सालाना जीडीपी में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
- हरीश्वर दयाल, निदेशक, राजकोषीय अध्ययन संस्थान, झारखंड सरकार
पड़ोसी राज्यों को कितना नुकसान
झारखंड 8,897 करोड़
बिहार 18,666 करोड़
छत्तीसगढ़ 9,446 करोड़
ओड़िशा 14,449 करोड़
उत्तर प्रदेश 46,352 करोड़
पश्चिम बंगाल 37,252 करोड़
भारत 06 लाख करोड़