कोरोना वैक्सीन आने से पहले ही झारखंड में भड़के एएनएम, जीएनएम, टीकाकरण के बहिष्कार की चेतावनी
एएनएम व जीएनएम ने स्थायीकरण की मांग को लेकर कोरोना टीकाकरण के बहिष्कार की चेतावनी दी है। कहा है कि उनके स्थायीकरण पर सरकार वार्ता करे नहीं तो वे मजबूर होकर कोरोना टीकाकरण अभियान को बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) के तहत अनुबंध पर कार्यरत एएनएम व जीएनएम ने स्थायीकरण की मांग को लेकर कोरोना टीकाकरण के बहिष्कार की चेतावनी दी है। कहा है कि उनके स्थायीकरण पर सरकार वार्ता करे, नहीं तो वे मजबूर होकर कोरोना टीकाकरण अभियान को बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर इसे लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इसमें कहा गया है कि संघ द्वारा बार-बार स्थायीकरण हेतु अनुरोध करने के बावजूद आजतक 15 वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत एएनएम (ऑक्जिलियरी नर्स एंड मिडवाइफ) जीएनएम (जेनरल नर्स एंड मिडवाइफ) को स्थायी नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बार-बार झूठा आश्वासन देकर अनुबंध कर्मियों की मांगों को टाला जा रहा है। संघ ने कहा है कि टीकाकरण में एएनएम तथा जीएनएम की भूमिका होगी, लेकिन महज पंद्रह हजार रुपये मासिक मानदेय में काम करना संभव नहीं है।
यदि 16 जनवरी से पहले सरकार संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ सकारात्मक वार्ता नहीं करती है, तो विवश होकर राज्य के सभी अनुबंध कर्मी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। बता दें कि अनुबंध पर कार्यरत एएनएम व जीएनएम ने पिछले वर्ष अगस्त माह में भी अपनी मांगों को लेकर कोरोना जांच का बहिष्कार किया था। राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत लगभग पांच हजार एएनएम व जीएनएम कार्यरत हैं। प्रतिनिधिमंडल में संघ की अध्यक्ष मीरा कुमारी, महासचिव वीणा कुमारी आदि शामिल थीं।