खुलासा: पुलिस के डर से काला जठेड़ी ने बंद कर दिया था फोन का इस्तेमाल, दुबई बताता था अपनी लोकेशन
मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को लेकर नया खुलासा हुआ है। जेठड़ी ने पुलिस के डर से फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था। जठेड़ी अपनी लोकेशन दुबई बताता था। साथ ही काला जठेड़ी ने गिरोह के सभी सदस्यों को बोल रखा था कि अगर पुलिस उन्हें पकड़ ले तो वह उसके बारे में बताए कि वह थाईलैंड भाग गया है और बैंकाक में है। पुलिस गिरफ्त में आने वाले सभी सदस्य यही बताते थे। हालांकि स्पेशल सेल ने कई महीने पहले ये पता लगा लिया था कि काला जठेड़ी भारत में ही है और वह जल्दी-जल्दी अपना ठिकाना बदल लेता है। आपको बता दें कि कई राज्यों का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी करीब आठ महीने से हरिद्वार की एक सोसाइटी में वेश बदलकर रहता था। उसके साथ लिव इन में रहने वाली राजस्थान की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज उर्फ रिवॉल्वर रानी ने भी अपना नाम बदल रखा था।
सोसाइटी के लोगों से उनका काफी मिलना-जुलना था। अपने शूटर के गिरफ्तार होने के बाद ये हरियाणा चला गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम जल्द ही हरिद्वार उनके फ्लैट में तलाशी लेने जाएगी। पुलिस ये पता करेगी कि इनको फ्लैट किसने दिलवाया और कौन इनकी सहायता कर रहा था।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरिद्वार की काला जठेड़ी एक सोसाइटी में ये करीब आठ से नौ महीने सिख बनकर रहा था। इसने दाढ़ी बढ़ा रखी थी। दिल्ली पुलिस ने जब इसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया उस समय भी ये सिख की वेशभूषा में था।
सोसाइटी में दोनों का नाम बदला हुआ था। संदीप ने अपना नाम पुनीत भल्ला व अनुराधा ने पूजा भल्ला रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि ये सोसाइटी के लोगों से काफी घुल-मिल गए थे। काउंटर इंटेलीजेंस ने जब काला जठेड़ी के आखिरी मुख्य शूटर नीतिश उर्फ प्रधान को गिरफ्तार किया तो इसे लगा कि नीतिश पुलिस पूछताछ में उसका हरिद्वार का पता पुलिस को बता सकता है।
इसलिए वह करीब 20 दिन पहले हरिद्वार से निकलकर अंबाला पहुंच गया। वहां से उत्तर प्रदेश में जब वह ठिकाना बनाने जा रहा था तो दिल्ली पुलिस ने उसे सहारनपुर से दबोच लिया।
दिल्ली के मुताबिक, संदीप ने उत्तर प्रदेश में ज्यादा वारदातों को अंजाम नहीं दिया था। इसलिए वह यूपी को नए ठिकाने के लिए मुफीद जगह मान रहा था।
गैंग के बदमाश पुलिस को करते थे गुमराह
काला जठेड़ी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसने गिरोह के सभी सदस्यों को बोल रखा था कि अगर पुलिस उन्हें पकड़ ले तो वह उसके बारे में बताए कि वह थाईलैंड भाग गया है और बैंकाक में है। पुलिस गिरफ्त में आने वाले सभी सदस्य यही बताते थे। हालांकि स्पेशल सेल ने कई महीने पहले ये पता लगा लिया था कि काला जठेड़ी भारत में ही है और वह जल्दी-जल्दी अपना ठिकाना बदल लेता है।
कम्युनिकेशन का काम करते थे विदेश में बैठे साथी
काला जठेड़ी के कई साथी विदेश में हैं। फर्जी पासपोर्ट पर विदेश गया वीरेन्द्र प्रताप बैंकाक में है। पुलिस ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है। सतेन्द्र जीत उर्फ गोल्डी बरार कनाडा में है। मोंटी यूके में है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार विदेश में बैठे साथी सिर्फ कम्युनिकेशन का काम करते है। ये काला जठेड़ी को मैसेज देते थे कि भारत में वह फलां व्यक्ति से मिल ले वह कोई काम करवाना चाहता है। काला जठेड़ी व उसके साथी गिरोह सिर्फ भारत में आपराधिक वारदात करते थे।