ग्राउंड रिपोर्ट दिल्ली-एनसीआर : 16 लाख में घर बैठे आईसीयू, 10 हजार में सीटी स्कैन

16 लाख में घर बैठे आईसीयू, 10 हजार रुपये सीटी स्कैन के मोबाइल पर परामर्श देने के लिए 50 हजार से एक लाख तक में सप्ताह भर का पैकेज होम केयर आईसीयू के नाम पर मची लूट, नर्सिंग केयर के 25 हजार रुपये प्रतिदिन अलग से

ग्राउंड रिपोर्ट दिल्ली-एनसीआर : 16 लाख में घर बैठे आईसीयू, 10 हजार में सीटी स्कैन

विस्तार
दिल्ली के शालीमार बाग निवासी हिमांशु खत्री के माता पिता कोरोना संक्रमित हैं। उनके पिता का ऑक्सीजन स्तर 70 के आसपास है लेकिन कहीं आईसीयू बेड न मिलने की वजह से उन्होंने होम केयर सुविधा के लिए इंटरनेट पर मौजूद कंपनियों से संपर्क किया। यहां आठ कंपनियों से जब उन्होंने बात की तो इनमें लगभग सभी ने सात दिन का पैकेज 15 से 16 लाख रुपये के बीच बताया। ठीक इसी तरह की शिकायत नोएडा सेक्टर 12 निवासी महेश श्रीवास्तव ने की। उन्होंने नर्सिंग केयर के नाम पर हर दिन 25 हजार रुपये का शुल्क लेने की जानकारी दी। हालांकि, मंगलवार को महेश श्रीवास्तव के भतीजे की मौत हो गई। 


गुरुग्राम सेक्टर 57 निवासी सोनू ने बताया कि उनके पति कोरोना संक्रमित हैं और उनकी एचआर सीटी रिपोर्ट 23 आई है। पड़ोस के डॉक्टर ने तत्काल चिकित्सीय निगरानी में रहने या फिर अस्पताल ले जाने के लिए कहा। इस पर वह काफी घबरा गईं उन्हें कहीं भी बेड नहीं मिला। आखिर में उन्होंने एक नामचीन अस्पताल की होम केयर सुविधा के लिए प्रयास किया। घर बैठे चिकित्सीय परामर्श, नर्सिंग केयर और आईसीयू बाईपैप मशीन के साथ 25 लाख रुपये बताए। 


दिल्ली-एनसीआर के मरीजों को अस्पतालों में उपचार और ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। वहीं, दूसरी ओर होम केयर आईसीयू, टेलीमेडिसिन और नर्सिंग केयर के नाम पर बेहिसाब लूट मची है। एक डॉक्टर आरटी पीसीआर के साथ जहां मरीज का एक्सरे और एचसीटी स्कैन कराने में जुटे हैं तो दूसरी ओर प्राइवेट कंपनियां घर बैठे चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने के नाम पर मनमानी कीमतें वसूल रही हैं। दिल्ली, नोएडा और गुरूग्राम में स्थिति ज्यादा गंभीर है क्योंकि कई मरीज अपने घरों में होम केयर आईसीयू की सुविधा ले भी रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार दिल्ली में घर बैठे आईसीयू तैयार कराने के लिए 16 लाख रुपये लिए जा रहे हैं। यह सात दिन का पैकेज है। अगर मरीज को नर्सिंग केयर भी साथ में चाहिए तो उसके लिए 25 हजार रुपये अलग से प्रतिदिन के अनुसार देने होंगे। ठीक इसी तरह अगर किसी कोरोना मरीज के फेफड़ों में संक्रमण का स्तर पता लगाना है तो डॉक्टर उसे सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं। एक सीटी स्कैन प्राइवेट लैब में आठ से 10 हजार रुपये में किया जा रहा है। जबकि नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कह चुके हैं कि हर मरीज के सीटी स्कैन की आवश्यकता नहीं है। एक स्कैन करीब 300 एक्सरे के बराबर रेडिएशन देता है। 

सलाह देने पर डॉक्टर ने मांगें 50 हजार रुपये
कोरोना संक्रमित मरीज को घर बैठे 24 घंटे में कभी भी चिकित्सीय परामर्श देने के लिए 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का पैकेज मांगा जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर भी ऐसा ही एक मैसेज प्रसारित हुआ जिसमें एक डॉक्टर सात दिन के लिए 50 हजार रुपये फीस मांग रहा था। इसे लेकर डॉक्टरों के कई संगठनों ने भी गलत प्रैक्टिस का हवाला दिया था।  

महामारी में सरकार को करना चाहिए था नियंत्रण
स्वस्थ्य भारत अभियान के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस वक्त दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में लूट मची हुई है। कालाबाजारी खुलेआम हो रही है। न ऑक्सीजन है, न दवाएं और न बेड। स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली प्राइवेट कंपनियों पर कोई रोक भी नहीं है और न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है। जबकि महामारी में होना चाहिए कि सरकार को पूरा स्वास्थ्य क्षेत्र अपने नियंत्रण में लेना चाहिए और अपने अनुसार उसका प्रबंधन करना चाहिए। पिछले साल छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसा ही किया था। दिल्ली सरकार को भी इस आधार पर करना चाहिए। 

जांच एक, कीमत अनेक
दिल्ली में एचआर सीटी के लिए पूसा रोड स्थित महाजन लैब 5850, टोटल डायग्नोस्टिक 4675, सर्वोदय 2565, राजा गार्डन जनता एक्सरे 4950, तिलक नगर स्थित सिटी एक्सरे में 4420 रुपये एक मरीज से शुल्क लिया जा रहा है। इनके अलावा एम्स, सफदरजंग और लोकनायक अस्पताल के आसपास कुछ लैब ऐसी भी हैं जो आठ से 10 हजार रुपये तक मरीजों से जांच का शुल्क ले रही हैं।